शीर्ष 10 गलतियाँ जो उद्यमी करतें हैं I Top 10 Mistakes Businesses Make in Hindi
आपके पास एक बिज़नेस आइडिया हैं और आप नया बिजनेस शुरू करना चाहते हैं । परन्तु क्या आप उन गम्भीर गलतियों के बारे में जानते हैं जिससे आपके बिज़नेस का भविष्य धूमिल हो सकता हैं ? आइए जानते हैं कौनसी हैं वे शीर्ष 10 गलतियाँ जो उद्यमी करतें हैं। (Top 10 Mistakes Businesses Make in Hindi)
बिजनेस गलती नंबर 1 : अपर्याप्त वित्तीय संसाधनों से बिज़नेस की शुरुआत करना
बिजनेस योजना बनाते समय यह ध्यान रखना चाहिए की अनुमानित लागत वित्तीय संसाधनों से 25-30 प्रतिशत कम ही हों । कई बार ऐसा होता है की उद्यमी सारे वित्तीय संसाधन बिजनेस शुरू करनें में झोंक देते हैं । ऐसा करने से बिजनेस का कद तो बढ़ जाता हैं परन्तु उसको सुचारु ढंग से चलाने में बार बार मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं –भवन किराया , स्टाफ एवं मजदूरों की सैलरी , कच्चे माल का भुगतान आदि समय पर नहीं हो पाता ।
पेमेंट के वादे निभाने में बार बार विफल होंने से बाजार में साख गिरती हैं और इसका बिजनेस पर विपरीत परिणाम होता हैं । एक लंबे अरसे तक यूँ ही चलता रहा तो बिजनेस निरंतर कमजोर होता जाता हैं और एक दिन खत्म हो जाता हैं ।
इसलिए कोई भी बिज़नेस शुरू करने से पहले उसमें आवश्यक वित्तीय संसाधनों का जितना हो सके उतना सटीक आकलन करना अत्यधिक जरूरी हैं।
अक्सर नए उद्यमी यह गलती कर बैठते हैं।
बिजनेस गलती नंबर 2 : भविष्य में होने वाले मुनाफे से वर्तमान में खर्च करना
भवन का किराया, कंप्युटर एवं उससे जुड़ी चीजों का खर्च , बिजनेस कार्ड्स, चमचमाते कैटलॉग , महंगे एवं बड़े विज्ञापन होर्डिंग्स, अनावश्यक स्टाफ सैलरी, महंगे लेटेरहेडस, फूल पेज प्रेस विज्ञापन, किमती फर्निचर – सारे मिलाकर काफी ज्यादा खर्च हो जाता है।
एक नए बिजनेस के लिए, जिसमें अभी कमाई शुरू भी नहीं हुई हो, इतना ज्यादा खर्च वहन करना बहुत ही मुश्किल होता हैं । पहले से स्थापित 20 % के करीब मुनाफा कमाने वाले छोटे बिजनेस के लिए भी इतने सारे खर्चों का वहन करते हुए स्पर्धा में टिक पाना मुश्किल होता हैं, खास कर के तब जब एक स्थिर टर्नओवर भी अनिश्चित हो। तो फिर नए उद्यमिओं के लिए यह कितना कठिन होता होगा?
कर्ज लिए बगैर ऐसे खर्च नहीं किए जा सकते परन्तु कर्ज़ लेने से ब्याज के रूप में एक और खर्च बढ़ जाता हैं। यह सारे खर्च बिज़नेस की रफ्तार कों धीमा कर देते हैं।
खर्च तो हमेशा आय के सही अनुपात में ही होने चाहिए । शरुआत में कम खर्च में बिजनेस चलाना कम आकर्षक लग सकता हैं, परन्तु बिजनेस का वित्तीय स्वास्थ्य उससे ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं।
इसलिए जो मुनाफा अभी कमाया ही नहीं हैं उसके आधार पर खर्च करते रहना ऐसी बड़ी गलती हैं जो नए उद्यमी अक्सर करते हैं।
बिजनेस गलती नंबर 3 : मार्केट रिसर्च नहीं करना
मार्केट रिसर्च बिजनेस शुरू करने से पहले ही की जाती है । मार्केट रिसर्च का उद्देश्य है की आप जो बिजनेस शुरू करने जा रहें हैं उसके चलने की संभावना के बारे में अधिक से अधिक जानकारी इकट्ठा करें।
बिजनेस के बारे में न केवल पुस्तकें, इंटरनेट आदि से जानकारी पढ़कर उसका विश्लेषण करना चाहिए बल्कि जानकार लोगों से भी राय भी लेनी चाहिए ताकि विभिन्न दृष्टिकोण पता चल सकें और उनका विश्लेषण कर सकें । विश्लेषण से मोटा-माटी आइडिया लग जाता हैं की ग्राहक क्या पसंद करेंगे, बिजनेस मॉडेल क्या होना चाहिए वगैरह । इसमें ज्यादा खर्च नहीं आता ।
मार्केट रिसर्च नहीं करना या उसके निष्कर्षों कों अनदेखा कर देना एक उल्लेखनीय गलती हैं जो नए उद्यमीं करते हैं।
बिजनेस गलती नंबर 4 : मार्केटिंग रणनीति का अभाव
कोरस में गाएंगे तो क्या आपकी अपनी अलग आवाज सुनाई देंगी ?
क्या ग्राहकों कों आपके बिजनेस के बारे में पता हैं? ग्राहकों तक अपनी आवाज पहुचानें की होड में आपका बिजनेस कहाँ हैं?
कड़ी स्पर्धा के इस दौर में सही मार्केटिंग स्ट्रैटिजी का न होना एक बड़ी भूल हो सकती हैं ।
इंटरनेट युग में हर कोई कुछ भी खोजने के लिए Google Search का सहारा ले रहा हैं। इसलिए यह जरूरी हैं की आपके बिजनेस का Google Business Profile हो। इससे आपके बिजनेस की दृश्यमानता (Visibility) तो बढ़ती ही हैं साथ ही रिव्यूज के जरिए धीरे धीरे ब्रांडिंग भी होती हैं। बिजनेस वेबसाईट भी संभावित ग्राहकों तक आपके बिजनेस के बारे में जानकारी पहुचाने में सहायक हो सकती हैं । इस वेबसाईट पर ऑफर्स, नए प्रोडक्टस, डिस्काउंट की जानकारी ग्राहकों के साथ साझा की जा सकती हैं।
Google Ads एवं Facebook Ads के मध्यम से भी ग्राहकों तक पहुंचा जा सकता हैं। आपका फेसबूक बिजनेस पेज भी संभावित ग्राहकों तक पहुँचने में सहायक साबित हो सकता हैं।
अपने बिजनेस के प्रचार एवं प्रमोशन हेतू कोई ठोस योजना नहीं बनाना एक बड़ी गलती हैं।
बिजनेस गलती नंबर 5 : अपने उत्पाद या सेवा में कुछ नया न करना
ग्राहकों के खरीदारी करने के पैटर्न में कुछ कारक होतें हैं जैसे की अपने घर के पास या कामकाज की जगह के पास होना ( पेट्रोल पम्प ), सस्ते दाम (Best Price, Easy Day ) , शहर के मुख्य इलाके में होना , वित्तीय सुविधा उपलब्ध होना , ब्रांड इमेज ( टाटा, रिलायंस, Samsung ) वगैरह। संक्षेप में ग्राहकों के पास कोई ठोस वजह होनी चाहिए की वे अन्य उत्पादों कों छोड़ आपका उत्पाद या सेवा खरीदें ।
अपनी उत्पाद या सेवा प्रतिस्पर्धी उत्पाद, सेवा से कैसे भिन्न हों (differentiation) इस पर होशियारी से काम करना चाहिए । हालाँकि यह पर्याप्त नहीं हैं । आपका उत्पाद कैसे भिन्न है यह ग्राहकों के मन में पक्का बिठाने के लिए वैसी मार्केटिंग और प्रचार भी तो करना होता है।
संभावित ग्राहक नए उत्पाद कों तुरंत हाथों हाथ उठा लेंगे ऐसी आशा करना बेकार है । पर्याप्त संख्या में ग्रहकों कों अपने उत्पाद के प्रति आकर्षित करने में समय लगता हैं।
बिजनेस गलती नंबर 6 : धैर्य खो देना
कईं नए एवं अनुभवहीन उद्यमिओ कों लगता है की वे बिजनेस शुरू करंगे और ग्राहक अपनेआप आ जाएंगे ! वे तब निराश हो जातें हैं जब ग्राहक नहीं आते या उम्मीद से कम आते हैं। बिजनेस शुरू करतें ही चल पड़ें ऐसा बहुत कम ही होता हैं ।
बिजनेस को स्थापित करने में समय लगता हैं । पहला लाभ प्राप्त करनें में भी समय लगता हैं । उपर से अनिश्चितता निरंतर बनी रहती हैं ।
ऐसे हालात में धैर्य बनाए रखना बहुत आवश्यक होता है। अधिकांश बिजनेस शुरू होने के 2-3 साल में दम तोड़ देते हैं जिसकी एक मुख्य वजह धैर्य खो देना हैं । रिसर्च बताता हैं की पहले 3-3.5 साल गलतियों से हुई क्षतियों से उबरने में, बिजनेस के विभिन्न पहलुओं कों समझने में , सही रणनीति ( competitive स्ट्रैटिजी) बनाने में और आय-व्यय का सही अनुपात बनाने में लग जातें हैं । कई बार ऐसा होता हैं की 3-3.5 साल बाद बिजनेस सफल होने की कगार पर होता हैं और उद्यमी धैर्य खो देता हैं।
बिजनेस की नयी नयी अंदरूनी बातें समझना /सीखना; उलझनों कों एवं अवरोधों कों दूर करना; जो आइडिया काम नहीं कर रहे होतें उनकी जगह नए आइडिया लगा कर देखना; बिजनेस की विभिन्न प्रक्रियाओं में कुछ बदलाव करके देखना; क्या चलता है या क्या चल सकता है इसके बारे में उचित कदम उठाने जैसे कार्य में धैर्य बनाए रखना बहुत ही आवश्यक होता है ।
बिजनेस गलती नंबर 7 : लंबे समय तक उसी फार्मूला का प्रयोग करते रहना जो इच्छित परिणाम न दे रहा हों
बिजनेस में लगे रहना, मेहनत करते रहना अच्छी बात हैं। यह बिज़नेस के प्रति आपकी प्रतिबद्धता दर्शाता हैं । परन्तु यह भी तो सच हैं की जीन चीजों के करनें से इच्छित परिणाम प्राप्त नहीं हो रहें हों उन्हीं चीजों कों बार बार लंबे समय तक दोहराते रहने से भी कोई लाभ नहीं होता ।
जो फार्मूला लंबे समय से इस्तेमाल करने के बावजूद भी परिणाम न दे रहा हों उसे जारी रखना बड़ी गलती हैं । हमारे बिजनेस आइडिया/उत्पाद /सेवा में हमें चाहें कितना ही विश्वास क्यों न हो, यदि सारे प्रमाण विपरीत हों तो समझना चाहिए की शायद इस ढंग से बिजनेस सफल न हों और कुछ कठोर निर्णय लेने पड़ें । आखिरकार एक ही चीज उसी तरीके से बार बार दोहराने से भला भिन्न परिणाम कैसे मिल सकता हैं ?
प्रतिबद्धता लक्ष्य के प्रति होनी चाहियें न की किसी विशेष आइडिया के प्रति । लक्ष्यप्राप्ति में यदि कोई आइडिया बाधा बन गया हैं तो उसे हटाकर कोई दूसरा आइडिया लगाना चाहिए । संक्षेप में क्या करने से क्या परिणाम मिलते हैं इसका अच्छी तरह से विश्लेषण करना चाहिए और जो आइडियाज कारगर न हों उन्हें हटा कर उनकी जगह दूसरे आइडियाज लगाने चाहिए।
बिजनेस गलती नंबर 8 : समस्याओं का सामना करने में कोताहि बरतना
बिजनेस जीवन का ही एक हिस्सा हैं । उसमें गलतियाँ तो होती ही रहती हैं। प्रायः मजदूर, स्टाफ मेम्बर से कहीं कोई गलती हो जाती हैं जिसका आर्थिक नुकसान मालिक कों उठाना पड़ता हैं ।
गलतियों की वजह से कभी उत्पाद की क्वालिटी खराब हो जाती हैं; कभी मशीनें खराब हो जाती हैं; डाइयाँ टूट जाती हैं; तो कभी मशीन पर काम करते हुए एक्सीडेंट हो जाता हैं । इन सभी सूरतों में आर्थिक नुकसान होता हैं ।
इन समस्याओं से कैसे निपटना चाहियें ? अविलंब और बगैर किसी संकोच के कदम उठाने चाहिए । लेनदारों से उधारी सीमा बढ़ाने की बात करनी चाहिए । ग्राहकों कों / क्लाइंट कों स्पष्टता के साथ समस्या बतानी चाहिए । सप्लायरों से बात करनी चाहिए । स्टाफ से उत्पादकता बढ़ाने की बात करनी चाहिए । मार्केटिंग टीम से बिक्री के लक्ष्य बढ़ाने की बात करनी चाहिए । बगैर किसी संकोच से और अविलंब इन मुद्दों पर स्पष्टता से बात करनी ही चाहिए ।
समस्याओं का स्वीकार न करना , उन्हे सुलझाने में विलंब करना , समस्याओं से पलायन करना ये कुछ ऐसी चीजें हैं जो छोटी समस्याओं कों और बड़ा कर देती हैं ।
उचित समय पर इन पर काम न करने से समस्या समस्या नहीं रहती , चुनौती बन जाती हैं।
बिजनेस गलती नंबर 9 : आँकड़ों कों नज़रंदाज़ करना
यह सच है की जिस चीज कों आप नाप-तौल नहीं सकते उसे आप बेहतर भी नहीं बना सकतें । अंग्रेज़ी में कहा जाता हैं कि If you cannot measure it, you cannot improve it.
बिजनेस में होंने वाला हर खर्च , हर आय दर्ज़ करें । विभिन्न खर्चों का आय के साथ अनुपात देखें। उत्पादकता के आँकड़े दर्ज़ करें । हर माह के आय-व्यय का विवरण बनाएं ।
जिस तरह रक्त परीक्षण के आँकड़े हमारे स्वास्थ्य की सारी कहानी बता देते हैं ठीक उसी तरह बिजनेस से जुड़े विभिन्न आँकड़ें एवं अनुपात हमारे बिज़नेस की दशा और दिशा दोनों ही बता देते हैं । अतएव आँकड़ों पर ध्यान न देना बड़ी भूल हो सकती हैं ।
बिजनेस गलती नंबर 10 : हार मान लेना
हार न मानें । सफल नहीं हो रहे हैं तो शायद कोई ठोस व्यापारिक कारण हों सकता हैं। आपकी व्यक्तिगत गरिमा से इसका कोई संबंध नहीं हैं ।
किसी Mentor (पथप्रदर्शक) से चर्चा करें । दूसरे उद्यमिओ से बात करें । परिस्थितियों कों समझने में जो लोग आप की मदद कर सकते हैं उनसे बात करें। उद्यमिओ की जीवनी पढ़ें , उन पर बने वीडियोज़ देखें । प्रेरणा लें और लक्ष्य की ओर फिर से चलना शुरू करें।
निष्कर्ष
यह थी शीर्ष 10 गलतियाँ जो उद्यमी करतें हैं। परन्तु इनसे बचा जा सकता हैं यदि हम बिज़नेस शुरू करने से पहले इन गलतियों से वाकिफ़ हों।
गलतियाँ होने के बाद भी उनसे निबटने के विकल्प हमारे पास होतें ही हैं। सवाल यह हैं की हम उनके प्रति कितने गम्भीर हैं; उनका सामना करने में कितनी फुर्ती दिखाते हैं; और उन्हें सुलझाने के लिए कितने प्रतिबद्ध हैं।