पेपर कप मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस कैसे शुरू करें? | How to Start Paper Cup Manufacturing Business in Hindi
IMARC Group की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 में देश भर में 213 करोड़ Paper Cup बिके थें और 2027 तक यह आँकड़ा 252 करोड़ को छु लेगा ।
पेपर कप मेन्युफैक्चरिंग बिजनेस (Paper Cup Manufacturing Business) शुरू करने के लिए यह बहुत उचित समय हैं, क्योंकि प्लास्टिक कप पर बैन के चलते Paper Cup यानि की Disposal Glass के उद्योग में तेज़ी की संभावनाएं बहुत बढ़ गई हैं ।
Paper cup manufacturing business in Hindi
पेपर कप बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें ?
- मार्केट रिसर्च करें
- व्यवसाय की ठोस योजना (Business Plan) बनाए
- आवश्यक वित्तीय संसाधन जुटाएं
- उचित जगह का चयन करें
- आवश्यक लाइसेन्स एवं पंजीकरण प्राप्त करें
- मार्केटिंग करें
- मशीनरी , कच्चा माल और आवश्यक उपकरण खरीदें
- श्रमिक एवं कर्मचारी नियुक्त करें
- उत्पादन शुरू करें
कम लागत , कम श्रमिक और छोटी सी जगह में होने वाले इस उद्योग में उत्पाद बेचने की ज़्यादा समस्या नहीं हैं । निरंतर बढ़ रही माँग के चलते इस उद्योग में मोटा मुनाफा कमाने की अपार संभावनाएं हैं बावज़ूद इसके की ऐसे कई उद्योग पहले से ही काफी जगहों पर स्थापित किए गए हैं ।
शुरुआती समय में चाय-कॉफ़ी की दुकानों में इस्तेमाल होने वाले यह कप अब होटल, सुपरमार्केट, शैक्षिक संस्थान, कंपनियों के भोजन कैंटीन, पार्टियाँ, पिकनिक, शादियों में भी बहुत लोकप्रिय हो चलें हैं ।
आइए विस्तार से जानते हैं इस उद्योग (Paper Cup Business Plan) के विभिन्न पहलुओं को।
डिस्पोजल ग्लास क्या हैं और वे किन साइजों में बनते हैं? | What is a Disposal Paper Cup and What are its Various Sizes?
डिस्पोजल कप (Disposal cup) उपयोग करके फैंकने योग्य ऐसा कप हैं जो एक विशेष प्रकार के कागज़ से बना होता हैं । यह ठण्डे एवं गर्म दोनों ही प्रकार के पेयों के लिए इस्तेमाल होते हैं । पेपर कप विभिन्न साइज़ों में बनाए जातें हैं ।
हर देश में डिस्पोजल ग्लास (Disposal Glass) की कुछ साइज़ें होती हैं जो ज्यादा चलती हैं। हमारे हिंदुस्तान में जिन साइजों का चलन हैं वे निम्न तालिका में दर्शाए हैं।
कप साइज़ ML में | उपयोग |
---|---|
50, 55, 60, 65, 70, 75, 80, 85, 90, 95 | चाय , कॉफी , आइसक्रीम |
100, 150, 200, 250, 300, 350 | आइसक्रीम, ज्यूस, सॉफ्ट ड्रिंक,मिल्क शेक, सोडा |
पेपर कप की बनावट कैसी होती हैं? | What is the Design of a Paper Cup?
पेपर कप के दो हिस्से होतें हैं – साईड वॉल (side wall) और पेंदा (bottom)।
साईड वॉल का कागज़ एक विशेष ज्यामिति में कटा होता हैं जो मुड़ने पर एक शंकु (Cone) का आकार धारण कर लेता हैं । इस आकार के कागज़ के टुकड़ों कों पेपर कप इंडस्ट्री में ब्लैंक (blank) कहा जाता हैं । प्रायः इस के एक साइड पर single color या multi-color printing होती हैं
साईड वाल वाली ब्लेन्क बनी-बनाई मिलती हैं, पेपर कप मशीन से यह नहीं बनती। बाटम एक सर्कल की शक्ल में होता हैं। पेपर कप बनाने की प्रक्रिया में बाटम बनाना भी शामिल हैं।
साईड वॉल का ऊपरी गोलाकार किनारा मुड़ा हुआ होता हैं । यह ऊपरी हिस्से को (rim) मजबूती प्रदान करता हैं ; यदि ढक्कन हों तो उसे lock करने के काम आता हैं और पेय पीते समय होंठों से बहुत सही ढंग से सट कर रहता हैं। Rim बनाने की प्रक्रिया कर्लिंग (curling) कहलाती हैं । साईड वॉल का निचला गोलाकार किनारा पेंदे (bottom) के साथ गर्मी (heat) और दबाव (pressure) का इस्तेमाल करके पहले जोड़ा जाता हैं और बाद में knurling प्रक्रिया में (seal) भी किया जाता हैं ।
पेपर कप बनाने में किस प्रकार का कागज़ इस्तेमाल होता हैं? | What Kind of Paper is Used in Paper Cup Making?
पेपर कप food grade कागज़ से बनाया जाता हैं जिस पर LDPE प्लास्टिक (लो डेनसिटी पॉलीएथलिन) की बहुत पतली परत दोनों ही तरफ लगी होती हैं । इससे कागज़ गीला नहीं होता और बाटम का जोड़ (sealed joint) मजबूत बनता हैं ।
पेपर कप मैनयुफेकचरिंग इंडस्ट्री में इस कागज़ कों Triplex Cup Stock Board 190 GSM PE Coated Paper इस तकनीकी नाम से जाना जाता हैं ।
ग्राहकों की आवश्यकता के अनुसार इसके एक साईड पर सिंगल या मल्टी कलर प्रिंटिंग की जाती हैं ।
पेपर कप मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस की मार्केट रिसर्च कैसे करें? | How to Conduct Market Research for Paper Cup Making Business?
पेपर कप उद्योग शुरू करने का पहला चरण होगा मार्केट रिसर्च । मार्केट रिसर्च में इन प्रश्नों के उत्तर ढूँढने होंगे । इसके लिए चाय-कॉफी के दुकानदारों से एवं थोक विक्रेताओं से चर्चा करनी होगी ।
- जहाँ उद्योग शुरू करना हैं उसके 80 km आसपास के क्षेत्र में किस साईज़ का चाय पेपर कप चलता हैं ? जहाँ सूरत में 50 ml का कप ज़्यादा पसंद कीया जाता हैं वहीँ मात्र 158 km दूरी पर बड़ौदा में 65 ml कप लोकप्रिय हैं । हर इलाके में एक साईज़ होती हैं जो ज़्यादा पसंद की जाती हैं । यह इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्यों की चाय कप मशीन के साथ आने वाली डाई कप के साईज़ के अनुसार बनी होती हैं ।
- उस क्षेत्र में और कितने पेपर कप निर्माता (Paper Tea Cup Manufacturers) हैं ? जाहीर हैं की जिस क्षेत्र में ज़्यादा पेपर कप उद्योग होंगे वहाँ प्रतिस्पर्धा भी ज्यादा होगी । गूगल में Paper Cup Factory Near Me लिखकर सर्च करने पर आपके क्षेत्र के पेपर प्लेट (Paper Plate) , पेपर ग्लास, या पेपर कप के निर्माताओं की जानकारी प्राप्त हो जाएगी।
- उस साईज़ के कप के खुदरा एवं थोक रेट क्या हैं ? इस उद्योग में प्रीमियम रेट नहीं लगा सकते; जो रेट चल रहा होगा उसी पर या उससे थोड़े कम रेट पर कप बेचने पड़ेंगे । अर्थात आपको Paper Cup Price के बारे में ठीक-ठाक जानकारी इकट्ठा करनी होगी।
- उस क्षेत्र में पेपर कप की मांग कितनी हैं? थोड़ा मुआयना करने पर मोटामाटी आइडिया लगाना मुश्किल नहीं होगा । यह जानना इसलिए जरूरी हैं क्यों की डिस्पोज़ल बनाने की पूर्ण स्वचालित (fully automatic) हाई स्पीड मशीन एक दिन में (12 घण्टों की 2 शिफ्ट में) 100000 से अधिक कप बनाती हैं । प्रतिदिन डिमांड कम से कम इतनी तो होनी ही चाहिए तभी मशीन की शत-प्रतिशत कैपेसिटी इस्तेमाल हो पाएगी ।
- कच्चा माल (फूड ग्रेड PE कोटेड पेपर) के आपूर्तिकर्ता (suppliers) वहाँ से कितनी दूरी पर हैं? कच्चा माल लंबी दूरी से लाने के कारण ढुलाई खर्च में बढ़ोतरी होगी ।
पेपर कप बिज़नेस में कौनसी मशीनरी लगेगी? | What are the Various Machines Required for Paper Cup Making?
पेपर कप बनाने के लिए आवश्यक मशीन दो प्रकार की होती हैं :
- अर्ध स्वचालित (Semi-automatic Paper Cup Making Machine) और
- पूर्ण स्वचालित (Fully-automatic Paper Cup Making Machine)
वर्तमान में कंपीटीशन कों ध्यान में रखते हुए हाई स्पीड पूर्ण स्वचालित मशीन खरीदना ही बेहतर विकल्प होगा । स्वदेशी मशीनों के अलावा चीन और दक्षिण कोरिया में निर्मित मशीनों के विकल्प उपलब्ध हैं । हमारी राय हैं की अच्छी ब्रांड की स्वदेशी मशीन लेना लाभदायक होगा क्योंकि स्वदेशी मशीनें ना केवल आयातित मशीनों से सस्ती हैं बल्कि इनका सर्विसिंग, maintenance और spare parts (कलपुर्ज़े) की उपलब्धता भी सुविधाजनक रहेगी ।
पेपर कप कैसे बनाते हैं? | Paper Cup Manufacturing Process?
पेपर कप बनाने की प्रक्रिया की प्रोसेस फ़्लो डायग्राम (process flow diagram) से समझेंगे की चरणबद्ध तरीके से पेपर कप कैसे बनता हैं ।
- पहले चरण में पेपर ब्लैंक एक-एक कर के cone forming & sealing station की और बढ़ते हैं । इसी समय उधर bottom cutting station पर पेपर रील थोड़ी घूमती हैं और bottom कटिंग स्टेशन की ओर रील का पेपर बढ़ता हैं ।
- दूसरे चरण में सपाट ब्लैंक कोन में परिवर्तित हो जाता हैं और यहीँ हीट और प्रेशर से ज्वाइंट कों सील कीया जाता हैं । उधर रील के पेपर से कटिंग स्टेशन पर एक बाटम कट जाता हैं। ब्लेन्क और बाटम दोनों ही असेम्ब्ली स्टेशन की ओर बढ़ते हैं।
- तीसरे चरण में bottom और Cone एकदूजे से जुड़ जाते हैं और heat एवं pressure की मदद से sealing की जाती हैं । कप बन गया। परन्तु पूरी तरह से नहीं।
- चौथे चरण में कप एक डाई (मोल्ड भी कहतें हैं ) पर लोड कीया जाता हैं (रखा जाता हैं)।
- पाँचवे चरण में bottom में knurling एवं cone के ऊपरी गोलाकार किनारे पर curling कों अंजाम दिया जाता हैं । अब कप पूरी तरह से बन गया हैं ।
- छठे चरण में सारे कप एक के बाद एक डिस्चार्ज मैगजीन (discharge magazine) में जातें हैं और वहाँ एक के भीतर दूसरा धँसे हुए मिल जाते हैं। यहाँ गिनती भी automatically हो जाती हैं ।
- सांतवे चरण में कप पतली polybag में पैक किए जाते हैं और ऐसे बन्डल गत्ते के बक्से में निर्धारित संख्या में पैक करके बक्से finished goods एरिया में रख दिए जाते हैं ।
सारे चरण 95-100 कप प्रति मिनट की हाई स्पीड से सम्पन्न होतें हैं ।
पेपर कप बनाने की मशीन कैसे काम करती हैं? | How does Automatic Paper Cup making machine work?
पूर्ण स्वचालित पेपर कप मशीन कैसे काम करती हैं यह विस्तार से देखें इस वीडिओ में।
पेपर कप मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस के लिए जगह का चयन कैसे करें? | How to Select Appropriate Place for Paper Cup making Business?
इस उद्योग कों 24 घण्टे चलाना होता हैं ताकि अधिकतम उत्पादन क्षमता प्राप्ति के चलते अधिकतम शुद्ध लाभ अर्जित कीया जा सकें ।
ऐसे में पेपर कप फैक्टरी (Paper Cup Factory) आवासीय क्षेत्र में कतई स्थापित नहीं करना चाहिए वरना आसपास में रहने वाले लोगों कों मशीन की आवाज़ से परेशानी होगी और शिकायतें आने लगेगी ।
कम से कम 700 स्क्वेर फुट क्षेत्रफल की आवश्यकता रहेगी जिसके 5 मुख्य हिस्से होंगे :
- उत्पादन क्षेत्र (Production Area)
- कच्चा माल/सामग्री क्षेत्र (Raw Material Inventory Area)
- तैयार माल/सामग्री क्षेत्र (Finished Goods Inventory Area)
- उपभोग्य सामग्री एवं पुर्जों का भंडार (Consumables & Spares Stores)
- ऑफिस क्षेत्र (Administrative Area)
चूँकि यह पेपर इंडस्ट्री हैं इसलियें Fire Alarm & Protection System लगाना अतिआवश्यक हो जाता हैं।
साथ ही Fire Insurance Policy भी बनाना जरूरी हैं ।
पेपर कप उद्योग के लिए बिजली कनेक्शन कितने Watt का लगेगा? | What Kind of Electrical Connection is Required for Paper Cup Business?
वैसे तो 3.5 kilowatt का 3-फेज का इलेक्ट्रिकल कनेक्शन एक मशीन के लिए पर्याप्त होगा । परन्तु हमारी राय में इससे दुगना यानि की 7 kilowatt का कनेक्शन ले रखना चाहिए ।
इससे फायदा यह होगा की maintenance के लिए इस्तेमाल होने वाली कुछ छोटी मशीनें , जैसे की portable welding machine , hand drill machine , hand grinder आदि जरूरत पड़ने पर चलाई जा सकें ।
पेपर कप मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस के लिए कितने एवं कौनसे श्रमिकों की आवश्यकता होगी? | What Human Resources are Required in Paper Cup Manufacturing?
इस उद्योग में प्रति कप मुनाफा पैसों में हैं न की रुपयों में । परन्तु हाई स्पीड उत्पादन प्रक्रिया की वजह से मुनाफे का गुणाकार होता हैं और आकर्षक मुनाफा मिलता हैं । शर्त ये हैं की मशीन अधिकतम उत्पादन क्षमता पर 12-12 घण्टों की 2 शिफ्ट में प्रतिदिन चलनी चाहिए ।
निरंतर चलने वाली high speed machine का एक नकारात्मक पहलू यह हैं की इसके पुर्जे बहुत गर्म हो जाते हैं। अधिक तापमान पर स्टील के पुर्जों की घिसाई (wear & tear) भी अधिक होती हैं । इसके चलते विभिन्न पुर्जों की आपसी dimensional relationship में बदलाव आता हैं । यह बदलाव अपनी सीमा से जब अधिक हो जातें हैं तो मशीन में रुकावट पैदा होती हैं (machine breakdown)। परिणाम यह होता हैं की downtime बढ़ता हैं । Downtime बढ़ने से उत्पादन क्षमता में कमी आती हैं । इन कारकों का आखिर में परिणाम यह होता हैं की शुद्ध लाभ में गिरावट आती हैं ।
चाहे कोई भी ब्रांड की मशीन क्यों न हो, हाई स्पीड मशीन में यह समस्या होती हैं । हालाँकि अच्छे ब्रांड की अच्छी क्वालिटी की मशीन में यह समस्या कम होती हैं परन्तु होती तो जरूर हैं ।
इसलिए Machine Downtime (रुकावट) कों न्यूनतम स्तर पर नियंत्रित कर रखना ही श्रेष्ठ स्ट्रैटिजी साबित होगी । यही वजह हैं की एक पूर्णकालिक technician रखना होगा जो रुकावट आने पर मशीन कों शीघ्रता से पुनः शुरू कर दे ।
इसके अलावा प्रति शिफ्ट एक ऑपरेटर और एक हेल्पर की आवश्यकता होगी – ऑपरेटर मशीन चलाने के लिए और हेल्पर मशीन से तैयार माल निकालना , पॅकिंग करना आदि के लिए ।
ऑपरेटर के चयन में ध्यान रखना होगा की उसे इस इंडस्ट्री में काम करने का अनुभव हों । हाई स्पीड ऑटोमैटिक मशीन चलाने के लिए ऑपरेटर अनुभवी, फुर्तीला और होशियार होना चाहिए । उत्तरप्रदेश , बिहार और राजस्थान से अच्छे ऑपरेटर मिल सकतें हैं । किसी अनुभवहीन ऑपरेटर पर निर्भर रहने का जोखिम बिल्कुल ही ना उठाए । इस उद्योग में सफलता पाने के लिए कुशल , होशियार और अनुभवी ऑपरेटर एवं technician का होना बहुत जरूरी हैं ।
पेपर कप मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस का वित्तीय विश्लेषण | Financial Analysis of Paper Cup Business:
पूंजी निवेश | Capital Investment
तालिका A में पेपर कप बिज़नेस इकाई में लगने वाले पूंजी निवेश का ब्योरा दिया हैं । अपर्याप्त पूंजी से इस उद्योग में निवेश करना जोखिम भरा होगा ।
तालिका A: मशीनरी एवं ईक्विपमेन्ट में पूंजी निवेश
DESCRIPTION | QUANTITY | UNIT (RS) | RATE (RS) | VALUE (RS) |
---|---|---|---|---|
Fully Automatic paper Cup Machine Exclusive of GST | 1 | 850000 | 850000 | 850000 |
Machine Loading & Transportation | 1 | set | 25000 | 25000 |
Machine Unloading | 1 | set | 5000 | 5000 |
10 mm Thick Rubber Sheet | 1 | 4000 | 5000 | 5000 |
Furniture & Fixtures | 1 | set | 20000 | 20000 |
Computer, Printer etc. | 1 | set | 40000 | 40000 |
3-Phase Electrical Installation | 1 | set | 40000 | 40000 |
TOTAL | 985000 |
10 mm मोटी रबर शीट मशीन के नीचे रखने का कारण यह हैं की मशीन के कंपन (vibration) सोंख लिए जाएँ । इससे मशीन की स्थिरता बनी रहती हैं और मशीन चलने की आवाज़ में भी उल्लेखनीय कमी आती हैं। हाई स्पीड के कारण मशीन अपनी जगह से हिलने की संभावना बहुत अधिक रहती हैं ।
3-फेज इलेक्ट्रिकल कनेक्शन उच्च कोटी का होना जरूरी हैं क्योंकि इसकी वजह से इलेक्ट्रिकल breakdown की संभावना बहुत कम रहेगी जिसके फलस्वरूप अंततः अधिक शुद्ध लाभ प्राप्त होगा ।
प्रति माह नियत खर्च | Estimated Monthly Fixed Expenses
तालिका B में पेपर कप बिज़नेस में होने वाले प्रति माह नियत खर्च का ब्योरा दिया हैं ।
तालिका B: प्रति माह नियत खर्च
DESCRIPTION | QUANTITY | RATE (RS) | VALUE (RS) |
---|---|---|---|
Interest on Capital Investment @1% per Month | 9850 | ||
Factory Rent for 700 sq. F @ Rs 10 per sq. F | 7000 | ||
Technician Salary | 1 | 18000 | 18000 |
Skilled Operator Salary | 2 | 15000 | 30000 |
Helper Salary | 2 | 8000 | 16000 |
Tea, Phone, Internet, Logistics etc. | 5000 | ||
Machine Maintenance & Consumables | 5500 | ||
TOTAL | 91350 |
पेपर कप मशीन में हाई स्पीड पर चलने वाले कईं पुर्जे होतें हैं जिनके सुचारु ढंग से चलने हेतू विशेष ग्रैड के आयल और ग्रीस की आवश्यकता होती हैं । Consumables में इनका समावेश होता हैं । किसी भी हाई स्पीड निरंतर चलने वाली मशीन में नियमित maintenance की जरूरत होती हैं । इसलिए यह दोनों खर्च हर महिने होंगे ही होंगे ।
नियत खर्च तो होगा ही चाहे मशीन कम चलती हो या अधिक, अवकाश का दिन हो या काम का, कम उत्पादन निकले या ज़्यादा, दिन हो या रात। इस खर्च कों टालना असंभव हैं, परन्तु इसे घटाने के प्रयास करनें चाहिए।
प्रति कप पेपर का खर्च | Estimated Raw Material Cost per Paper Cup?
चाय के लिए इस्तेमाल होने वाले 35 ml कप का ब्योरा तालिका C में दिया हैं ।
तालिका C: प्रति कप पेपर का खर्च
DESCRIPTION | VALUE |
---|---|
Weight of Blanks in 1 Kg of Paper Cups assumed @ 70% by Weight (Kg) | 0.7 |
Weight ofBottoms in 1 Kg of Paper Cups assumed @ 30% by Weight (Kg) | 0.3 |
Scrap in Bottom Cutting @ 32% (Kg) | 0.14 |
Total Paper required for Bottoms 0.3+0.14 = 0.44 (Kg) | 0.44 |
Cost of Paper for Blanks @ Rs 100 per Kg (Rs) | 70 |
Cost of Paper for Bottoms @ Rs 90 per Kg (Rs) | 39.6 |
Revenue from selling Scrap @ Rs 5 per Kg 0.14 x 5 = 0.7 (Rs) | 0.7 |
Total Cost of Paper for making 1 Kg of Cups 70+39.6-0.7 (Rs) | 108.9 |
No. of Cups in 1 Kg | 781.25 |
Paper Cost per Cup 108.9/781.25 (Rs) | 0.139 |
side वॉल का पेपर 177 gsm एवं bottom का पेपर 190 gsm रहेगा । side वॉल वाला पेपर जिस आकार में बनाबनाया उपलब्ध होता हैं उसे blank कहा जाता हैं । blank से कोई स्क्रैप नहीं निकलता, 100% इस्तेमाल हो जाता हैं परन्तु bottom बनाने की प्रक्रिया में Reel में से कुछ स्क्रैप निकलते रहता हैं । किसी भी साइज़ के circle कों (bottom सर्कल की आकार में होता हैं) काटने पर 30-32% स्क्रैप निकलता ही हैं । तालिका बनाते समय थोक मार्केट रेट के अनुसार गणना की हैं । स्थल, समय और आपूर्तिकर्ता के अनुसार रेट भिन्न हो सकतें हैं ।
35 ml पेपर कप बनाने में प्रति कप रु 0.139 (लगभग 14 पैसे) की पेपर सामग्री लगेगी ।
मुख्य कच्ची सामग्री पेपर का प्रति माह खर्च | Monthly Expenditure on Raw Materials
तालिका D में प्रति माह लगने वाले पेपर के मूल्य का ब्योरा दिया गया हैं । हाई स्पीड पूर्ण स्वचालित मशीन की प्रति मिनट 120 कप बनाने की स्पीड के हिसाब से गणना की गई हैं । हकीकत में प्रति मिनट 95 कप ही निकलेंगे । हालांकि 24 घण्टों मे से 22 घण्टे ही काम होता हैं । इसी कों पूर्ण क्षमता मानते हुए इसके 95% क्षमता ही उपलब्ध रहेगी और प्रतिदिन अतिरिक्त 1.1 घण्टा (66 मिनट) के लिए मशीन बंद रहेगी , दो घण्टे लंच-चायपान के अलावा । यानि की अनुमानित downtime 5% (एक माह में 28.6 घण्टे) इस आधार पर गणना की हैं ।
35 ml कप का नेट वज़न 1.28 ग्राम होता है । प्रति माह 30,97,380 कप का उत्पादन होगा । यानि की (1.28 x 30,97,380) / 1000 = 3,965 किलो पेपर की आवश्यकता रहेगी ।
3,965 किलो पेपर हेतू प्रति माह रु 4,31,750 का खर्च रहेगा ।
तालिका D: कच्ची सामग्री पेपर का प्रति माह खर्च
DESCRIPTION | UNIT | VALUE |
---|---|---|
Maximum obtainable production speed | nos/min | 95 |
Work hours per day in 2 shifts | hours | 22 |
Maximum production quantity per day | nos | 125400 |
Capacity utilization (assumed) | % | 95 |
Actual production quantity per day 125400 x 95% | nos | 119130 |
Actual production quantity per month (26 days) 119130 x 26 | nos | 3097380 |
Cost of paper per cup (from table C) | Rs | 0.139 |
Monthly investment in paper 3097380 nos x Rs 0.139 | Rs | 431750 |
प्रति माह परिवर्तनशील खर्च | Estimated Monthly Variable Expenditure
परिवर्तनशील खर्च हर माह भिन्न हो सकता हैं । किसी माह में यदि कम उत्पादन होता हैं तो पेपर का खर्च , बिजली का बिल , पॅकिंग सामग्री का खर्च कम होगा ।
95% उत्पादन क्षमता पर होने वाला रु 4,52,140 प्रति माह परिवर्तनशील खर्च तालिका E में तपसील से दिया हैं ।
तालिका E: प्रति माह परिवर्तनशील खर्च
DESCRIPTION | UNIT | VALUE (RS) |
---|---|---|
Monthly expenditure in Paper | Rs | 431750 |
Monthly expenditure in plastic poly bags @ 0.1 paisa per cup Rs (3097380 nos x 0.1/100 = 3097) | Rs | 3097 |
Monthly expenditure in corrugated paper boxes for packing @ 0.3 paisa per cup Rs (3097380 nos x 0.3/100 = 9292) | Rs | 9292 |
Monthly electricity bill approx | Rs | 8000 |
TOTAL | Rs | 452140 |
प्रति माह कूल खर्च | Estimated Total Monthly Expenditure
तालिका F में दिए गए आंकड़ों के अनुसार 95% उत्पादन क्षमता पर
प्रति माह कुल खर्च = प्रति माह परिवर्तनशील खर्च (recurring expenditure) + प्रति माह नियत खर्च (fixed expenditure) = रु 5,43,490
तालिका F: प्रति माह कूल खर्च
DESCRIPTION | UNIT | VALUE (RS) |
---|---|---|
Monthly Fixed Expenditure from Table B | Rs | 91350 |
Monthly Recurring Expenditure from Table E | Rs | 452140 |
Total | Rs | 543490 |
पेपर कप मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस से कितनी कमाई हो सकती हैं? | What could be the Estimated Profit Margin Paper Cup Manufacturing Business?
तालिका G के अनुसार 95% उत्पादन क्षमता पर प्रति माह लाभ रु. 75 हज़ार होगा यानि सालाना लाभ रु. 9 लाख रहेगा। बिक्री पर मुनाफा लगभग 12.27 % होता हैं और लागत पर 13.98 % होता हैं ।
पेपर कप बिज़नेस में लाभ का प्रतिशत कम दिखाई देता हैं परन्तु शुद्ध लाभ अच्छा खासा हैं ।
तालिका G: प्रति माह लाभ
DESCRIPTION | UNIT | VALUE |
---|---|---|
Monthly sales @ Rs 0.2 per cup for 3097380 cups from Table D | Rs | 619476 |
Monthly fixed expenditure from Table B | Rs | 91350 |
Monthly recurring expenditure from Table E | Rs | 452140 |
Total monthly profits (1-2-3) | Rs | 75986 |
Profit margin on investment | % | 13.98 |
Profit margin on sales | % | 12.27 |
पेपर के दो टुकड़ों के कप में परिवर्तित होने की प्रक्रिया में मूल्यवर्धन (value addition) बहुत कम हैं । बिज़नेस का नियम हैं की उत्पाद जितना अधिक मूल्यवर्धित होगा बाजार उतने ही अधिक दाम उस उत्पाद के लिए देने को राजी होगा। इस कारण भिन्नता के आधार पर कप का भिन्न बिक्री मूल्य (selling price) रखना सम्भव नहीं हैं । यदि आस पास के 100 km में कोई दूसरा पेपर कप निर्माता नहीं हैं तो भिन्न (अधिक) रेट पर बिक्री कर के मुनाफे का प्रतिशत बढ़ाया जा सकता हैं । इस परिप्रेक्ष्य में मार्केट रिसर्च बहुत महत्वपूर्ण हो जाता हैं ।
प्रायः जिन उत्पादों की मार्केट डिमांड बहुत अधिक होती हैं, और मूल्यवर्धन कम होता हैं ऐसे उत्पादों की ज्यादा मार्केटिंग नहीं करनी पड़ती । मार्केटिंग खर्च , विज्ञापन खर्च न्यूनतम होता हैं । ऐसे उत्पादों कों commodity कहा जाता हैं । Commodity बिजनेस price sensitive होता हैं । दाम के प्रति अति संवेदनशील होता हैं। यानि की बिक्री का रेट बढ़ाने पर बिक्री कम हो जाती हैं ।
यदि आस पास में प्रतिस्पर्धी पेपर कप निर्माता होंगे तो बिक्री रेट भी मार्केट के हिसाब से रखने होंगे और इसके चलते अधिक मुनाफा कमाने हेतू कोई अन्य रणनीति अपनानी होगी । इसके बारे में हम आगे जानेंगे।
इस बिज़नेस में उत्पादन क्षमता का इस्तेमाल (capacity utilization) बहुत अधिक महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह शुद्ध लाभ को सीधे प्रभावित करता हैं ।
तालिका H में प्रतिशत उत्पादन क्षमता बनाम प्रति माह शुद्ध लाभ के विभिन्न उदाहरण दिए गए हैं । स्पष्ट देखा जा सकता हैं की capacity utilization में हर 5% गिरावट के साथ शुद्ध लाभ में लगभग रु 9,228 की गिरावट आती हैं ।
तालिका H: प्रतिशत उत्पादन क्षमता बनाम प्रति माह शुद्ध लाभ
CAPACITY UTILIZATION IN % | MONTHLY SALES (RS) | MONTHLY EXPENDITURE (RS) | MONTHLY PROFITS (RS) | % PROFIT ON SALES |
---|---|---|---|---|
95 | 619476 | 543490 | 75986 | 12.27 |
90 | 586872 | 520114 | 66758 | 11.38 |
85 | 554268 | 496738 | 57530 | 10.38 |
80 | 521664 | 473362 | 48302 | 9.26 |
75 | 489060 | 449986 | 39074 | 7.99 |
70 | 456456 | 426611 | 29845 | 6.54 |
दूसरे शब्दों में , यदि किसी माह में कुल 28 घण्टे मशीन बंद रहती हैं तो मुनाफा रु 9,228 से घट जाता हैं । इसलिए इस बिज़नेस में अपना पूर्णकालिक टेक्निशन होना अत्यधिक जरूरी हैं । मशीन में कुछ खराबी होने पर मशीन निर्माता की ओर से टेक्निशन आने में विलंब होता हैं और मशीन downtime बढ़ता हैं यानि की capacity utilization घटता हैं। खर्च बचाने के उद्देश्य से अपना टेक्निशन नहीं रखने का मोह टालें यही हमारी सलाह होगी ।
न्यूनतम कार्यशील पूंजी | Minimum Working Capital Requirement
तालिका J में न्यूनतम कार्यशील पूंजी की गणना की हैं जिसका आधार निम्न बिंदुओं पर हैं :
- पेपर, polybags , गत्ते के बक्से जैसी कच्ची सामग्रियों का 15 दिन का स्टॉक रखा जाएगा ।
- 15 दिन के तैयार माल का स्टॉक रहेगा ।
- 15 दिन की मार्केट से प्राप्तियाँ (उधारी) रहेगी ।
इस तरह से काम करने हेतु रु 8,03,553 कार्यशील पूंजी की जरूरत होगी ।
तालिका J: कार्यशील पूंजी
DESCRIPTION | AMOUNT (RS) |
---|---|
Raw materials (paper, poly bags, corrugated boxes) for 15 days from Table E | 222070 |
Finished goods for 15 days from Table F | 271745 |
Bills receivables for 15 days Table G | 309738 |
803553 |
प्रतिफल दर (ROI) | Return on Investment
ROI यानि की return on investment के आँकड़े तालिका K में दिखाए गए हैं।
तालिका K: पूंजी निवेश पर लाभ -रिटर्न ऑन इनवेस्टमेंट
CAPITAL INVESTMENT | WORKING CAPITAL INVESTMENT | TOTAL INVESTMENT | ANNUAL PROFITS | ROI% |
---|---|---|---|---|
985000 | 803553 | 1788553 | 911838 | 50.98 |
कुल पूंजी निवेश रु 17,88,552 पर सालाना लाभ (95% capacity utilization पर) रु 9,75,034 का होगा । यह 50.98 % होता हैं । यानि की मोटामाटी एक वर्ष में कुल पूंजी निवेश की आधी रकम लाभ के रूप में पुनः प्राप्त हो जाएगी । इस हिसाब से 2 वर्ष में किया हुआ सारा पूंजी निवेश पुनः प्राप्त हो जाएगा ।
यह ROI बहुत अधिक अच्छा माना जाएगा । शुद्ध लाभ के लिहाज से कम आकर्षक प्रतीत होने वाला यह पेपर कप मैनयुफेकचरिंग बिज़नेस ROI के लिहाज से बहुत आकर्षक हैं ।
30% तक का ROI अच्छा माना जाता हैं यानि की 3-3.5 वर्ष में जो बिज़नेस निवेश की हुई सकल पूंजी कमा लेता हैं वह अच्छा माना जाता हैं ।
capacity utilization घटेगी तो शुद्ध लाभ घटेगा और ROI भी घटेगा इसलिए यदि पूंजी निवेश शीघ्र पुनः प्राप्त करना हैं तो मशीन ज्यादा से ज्यादा समय चलनी चाहिए ।
पेपर कप मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस में कौनसे पंजीकरण करने होंगे? | What are the Legal Registration Requirements for Paper Cup Manufacturing Entity?
इस बिज़नेस कों शरू करने के लिए 2 पंजीकरण करनें होंगे ।
पहले तो मनचाहे नाम पर एकल स्वामित्व (sole proprietorship ) वाली फर्म बनानी होगी जिसके लिए आपकों चार्टर्ड अकाउन्टन्ट की सलाह लेनी होगी।
यदि भविष्य में मशीनें बढ़ाकर इस बिज़नेस को बड़े स्तर पर करने की योजना पहले से बनाली हो तो रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज में प्राइवेट लिमिटेड कंपनी वाला पंजीकरण करना ज्यादा उचित होगा।
साथ ही उद्योग का GST पंजीकरण करना होगा। इसके लिए भी आपकों चार्टर्ड अकाउन्टन्ट की सेवा की जरूरत होगी।
सरकार के MSME (उद्यम) के पोर्टल पर जा कर वहाँ आवश्यक जानकारी भर कर उद्यम रेजिस्ट्रैशन नंबर के लिए आवेदन स्वयं कर सकते हैं। पहले यह उद्योग आधार रेजिस्ट्रैशन इस नाम से जाना जाता था।
पेपर कप मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस का बिज़नेस मॉडल कैसा होगा? | What is the Most Suitable Business Model for Paper Cup Business?
पेपर कप बनाने का बिज़नेस एक बेहतरीन मुनाफा देने वाला बिज़नेस हो सकता हैं यदि इसकी कुछ बारीकियाँ समझ ली जाए ।
पहली विशेषता यह हैं की यह बिज़नेस volume वाला हैं यानि की इस बिज़नेस में कम समय में बहुत अधिक मात्रा में उत्पादन बनता हैं ।
दुसरी विशेषता है की यह commodity बिज़नेस हैं। commodity याने बाज़ार में बिकने वाले ऐसे उत्पाद जिनका मूल्य कम होता हैं परंतु मांग बहुत अधिक रहती हैं । commodity के कुछ उदाहरण हैं पेट्रोल, नैचुरल गैस, धातु, कपास, पेपर , स्टैपल पिन , गेहूं , मोबाईल प्लान आदि । यहाँ सभी निर्माताओं के उत्पाद लगभग एक सरीखे होतें हैं , लीक से हट कर कुछ नया करने के (differentiation के ) अवसर नहीं के बराबर होतें हैं। मूल्यवर्धन बहुत कम होता हैं। मूल्यों की संवेदनशीलता (price sensitivity) बहुत अधिक होने की वजह से differentiation नहीं किया जा सकता ।
ऐसे में सवाल यह हैं की इस उद्योग का बिज़नेस मॉडल कैसा होना चाहिए ?
- मूलतः यह distribution चैनल बिज़नेस मॉडल रहेगा यानि की निर्माता और उपभोक्ता के बीच डिस्ट्रीब्यूटर या होलसेलर होगा ।
- Commodity बिज़नेस कंपीटीशन वाले हालातों में ज्यादा मुनाफा नहीं बना सकता । मुनाफा मांग और आपूर्ति के आपसी अनुपात पर निर्भर करता हैं । मांग से आपूर्ति कम हो जाए तो अधिक मुनाफा बनाने के अवसर पैदा होतें हैं । इसलिए बिज़नेस के लिए ऐसे भौगोलिक क्षेत्र का चयन करना चाहिए जहाँ कंपीटीशन न हों या कम हों ताकि आपूर्ति से मांग ज्यादा बनी रहें ।
- देर-सवेर कंपीटीशन तो बढ़ेगी ही । यदि आपूर्ति मांग की अपेक्षा निरंतर कम ही रही तो नए उद्यमीयों को यह उद्योग आकर्षित करेगा और वे इस में प्रवेश करेंगे । एक तरीका यह हैं की इस बिज़नेस पर अच्छी पकड़ हाँसील करने पर स्वयं ही एक और मशीन खरीदकर बढ़ी हुई मांग से लाभ कमाएं ।
- जब कंपीटीशन बढ़ जाए तो market share बढ़ाने पर ध्यान देना होगा । मार्केट शेयर बढ़ाने के लिए प्रतिस्पर्धियों से कुछ कम रेट पर कप बेचने होंगे । अच्छी गुणवत्ता वाला माल तो बनाना ही होगा चाहे कंपीटीशन हो या न हो । वहाँ कोई समझौता करने की कोई गुंजाईश नहीं हैं । एकमात्र उपाय यह रहेगा की production cost घटाई जाए । इसमे अच्छी क्वालिटी की हाई स्पीड ऑटोमैटिक मशीन की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी । ऐसी मशीनों में maintenance कम निकलता हैं और production ज़्यादा मिलता हैं । उच्च capacity utilization प्राप्त करना संभव हो जाता हैं ।
- production cost घटाने हेतु या नियंत्रित करने हेतु पेपर, polybags और गत्ते के बक्से न्यूनतम कीमत पर खरीदने चाहिए । पेपर क्वालिटी बहुत महत्वपूर्ण हैं इसलिए खराब गुणवत्ता वाला सस्ता पेपर खरीद कर खर्च घटाने की चेष्टा कतई नहीं करनी चाहिए । पेपर ढुलाई का खर्च कम करने के प्रयास अवश्य करने चाहियें । यहाँ पेपर के आपूर्तिकर्ता से निकटता बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी ।
- क्योंकि पेपर कप वज़न में बहुत हल्के होतें हैं इसलिए उन्हें पैक करने के लिए जितनी पतली हो सकें उतनी पतली polybags का इस्तेमाल करना चाहिए । इसी तरह गत्ते के बक्से भी जरूरत से अधिक मोटे नहीं होने चाहिए । इस तरह पॅकिंग सामग्री का खर्च घटाया जा सकता हैं ।
- जहाँ तक श्रमिकों की बात हैं तो टेक्निशन के महत्व के बारे पहले ही इस लेख में बता चूकें हैं । अन्य श्रमिकों में ऑपरेटर की भूमिका अहम होगी । मशीन में समय समय पर पेपर blanks और bottom रील लोड करते रहना ऑपरेटर का मुख्य काम होता हैं । हर 5-5 घण्टों के अंतर से 10-12 कप में पानी भर कर leakage चेक करते रहना भी ऑपरेटर का काम होता हैं । क्वालिटी कंट्रोल और capacity utilization में ऑपरेटर की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी । इस बिज़नेस को सफलतापूर्वक चलाने के लिए एक अच्छे अनुभवी ऑपरेटर की दरकार रहेगी ।
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पेपर कप मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस के लिए कच्चा माल (raw material) कहाँ मिलेगा? | What are the Reliable Sources of Raw Materials for Paper Cup Making ?
पेपर कप की साइड वाल एवं बाटम जिस कागज़ से बनते हैं (Triplex Cup Stock Board 190 GSM PE Coated Paper) उसके कुछ अच्छे चुनिंदा निर्माता हैं
- ITC Limited, Telangana
- Tamilnadu Newsprint and Papers Limited , Tamilnadu
- Century Pulp & Paper Limited, Uttarakhand
- West Coast Paper Mills Limited, West Bengal
इन लिमिटेड कंपनीओकी regional office आपके क्षेत्र में कहाँ हैं इसका पता इनकी वेबसाईट से पा सकते हैं । वहाँ से आपके गाँव-शहर के निकट इनके distributors कहाँ हैं यह पता कर सकतें हैं । सर्वश्रेष्ठ पेपर भारत में यही कंपनियां बनती हैं ।
इसके अलावा भी कईं पेपर निर्माता हैं जिनके बारे में जानने के लिए indiamart.com, tradeindia.com जैसे B2B पोर्टल्स की मदद ले सकतें हैं । यहाँ से अहमदाबाद, जयपुर, देवास, मुंबई , पूना , अजमेर, दिल्ली, कलकत्ता जैसे शहरों में बसे पेपर कप की कच्ची सामग्री के आपूर्तिकर्ता उद्योगों की सूची मिल जाएगी ।
निकटतम आपूर्तिकर्ता से पेपर खरीदना उचित रहेगा जिससे की माल ढुलाई का खर्च न्यूनतम रखा जा सकें ।
पेपर ग्लास बनाने की मशीन कहाँ मिलेगी? | Manufacturers of Paper Cup Making Machines?
ये हैं कुछ पेपर कप बनाने वाली मशीनों के निर्माता :
- Mahaveer Group, Palra, Ajmer, Rajasthan
- Global Link Impex, Alwar, Rajasthan
- NESSCO Paper Cup Machine, Jaipur, Rajasthan
- Vardhaman Enterprises, Delhi
- AKR Industry, Trichy, Tamilnadu
Indiamart.com और TradeIndia.com इन portal से इन निर्माताओं के distributor एवं dealers के पते पा सकतें हैं ।
पेपर कप बनाने की मशीन खरीदने में क्या सावधानी बरतनी चाहिए? | Paper Cup Making Machine Tips
- पूर्ण स्वचालित हाई स्पीड मशीन (Fully Automatic High Speed Machine) ही खरीदें । याद रहें इस बिज़नेस में सफलता प्रोडक्शन स्पीड पर अत्यधिक निर्भर करती हैं ।
- मशीन में सीलिंग हेतु 5 हीटर होने चाहिए । Cooper कंपनी के हीटर होने चाहिए , ये बेहतरीन होतें हैं । इनसे सीलिंग बहुत अच्छी होती हैं । लीकेज की वजह से होने वाला rejection न्यूनतम रहेगा ।
- चेन (Chain) वाली मशीन न ले । यह पुरानी टेक्नॉलजी (technology) हैं । चेन में कुछ समय के बाद ढीलापन (play) आ ही जाता हैं । मशीन का downtime ज्यादा रहेगा ।
- मशीन Open Cam, ऑटो ऑइल lubrication , all प्रोसेस सेन्सर detection , अच्छी गुणवत्ता वाले gears और robotic आर्म कंट्रोल जैसी विशेषताओं से लैस होनी चाहिए ।
- मशीन खरीदने से पहले आपको जो साईज़ के कप बनाने हैं उस बारे में मन में स्पष्टता होनी चाहिए । क्योंकि सभी साइज़ों के कप एक ही डाई से नहीं बनते । एक बाटम साईज़ के लिए 2-3 भिन्न साइज़ों के blanks उपयुक्त होतें हैं । यानि की 2-3 भिन्न साइज़ों के blanks को एक ही साईज़ का बाटम कॉमन होता हैं । जब भिन्न साईज़ का बाटम मशीन में लगाएंगे तो मशीन के setting में बड़े बदलाव करने होंगे जिसमें 10-12 घण्टों तक का समय लग सकता हैं । उतने समय तक मशीन से प्रोडक्शन नहीं निकलेगा (production loss)। इन बातों की चर्चा मशीन निर्माता के साथ विस्तार से करनी होगी ।
पेपर कप मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस गुण – दोष | Pros and Cons of Paper Cup Business?
पेपर कप मैनयुफेकचरिंग बिज़नेस गुण – दोष की तालिका
गुण PROS | दोष CONS |
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आज के समय के लिए अनुकूल बिज़नेस | उत्पाद में भिन्नता लाने के अवसर नहीं |
बढ़ती हुई माँग वाला बिज़नेस | विशाल भौगोलिक क्षेत्र में पैंठ बनाना सम्भव नहीं |
पूर्ण स्वचालित तेज उत्पादन प्रक्रिया | कच्चे माल के आपूर्तिकर्ता से निकटता जरूरी |
विशेष टेक्निकल कौशल्य की आवश्यकता नहीं | बाजार से निकटता अहम |
छोटी जगह में भी किया जा सकता हैं | अत्यधिक मूल्य संवेदनशीलता |
श्रमिकों पर निर्भरता कम हैं | पूर्ण उत्पादन क्षमता पर मशीनें चलाना आवश्यक |
ऑफिस स्टाफ की आवश्यकता नहीं | मूल्यवर्धन के अवसर नहीं के बराबर |
हाई ROI (रिटर्न ऑन इनवेस्टमेंट) | भिन्न कप की साईज़ के लिए भिन्न साईज़ की मशीनों की आवश्यकता |
मशीनें एवं कच्चा माल देश में ही प्रचुर मात्रा में उपलब्ध | आसान होने के कारण नए नए उद्यमी इस उद्योग में आते हैं जिस से प्रतिस्पर्धा बढ़ती हैं |
कम निवेश में अधिक लाभ |
निष्कर्ष | Conclusion
पेपर कप मैनयुफेकचरिंग उद्योग एक आसान और अच्छा मुनाफा देने वाला बिज़नेस हैं जिसमें उत्पाद की निरंतर बढ़ती माँग के चलते मार्केटिंग की आवश्यकता नहीं रहती । हाई ROI की वजह से निवेश जल्दी से पुनः प्राप्त हो जाता हैं और इसके लिए कोई विशेष टेक्निकल कौशल्य की जरूरत भी नहीं पड़ती । यह उद्योग श्रमप्रधान भी नहीं हैं इसलिए इस बिजनेस का आसानी से विस्तार किया जा सकता हैं । अच्छी क्वालिटी की हाई स्पीड ऑटोमैटिक मशीन, एक कुशल टेक्निशन, दो कुशल ऑपरेटर एवं दो अकुशल श्रमिक और छोटी सी जगह पर्याप्त हैं यह बिजनेस करने के लिए ।
यह भी पढ़ें: स्टेन्सिल बनाने का व्यापार कैसे करें
प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
Q:क्या पेपर कप मैन्युफेक्चरींग का व्यवसाय लाभदायक हैं?
पेपर कप का बिज़नेस लाभदायक हैं। इस बिज़नेस का ROI लगभग 50-52% हैं जो अच्छा समझा जाना चाहिए। इसका मतलब यह हैं की बिज़नेस में लगाया निवेश 2 वर्ष में पुनः प्राप्त हो जाएगा। आँकड़ों के दृष्टिकोण से देखें तो कुल पूंजी निवेश रु 18 लाख पर 95% उत्पादन क्षमता पर काम किया जाए तो सालाना बिक्री रु 74 लाख और लाभ रु 9.75 लाख रहेंगे। बिक्री पर सालाना शुद्ध लाभ 12.27% और निवेश पर शुद्ध लाभ 14% रहेगा।
Q:पेपर कप मैन्युफेक्चरींग के व्यापार की मार्केट डिमांड ज्यादा क्यों हैं?
एक बार इस्तेमाल कर फैंक देने योग्य (सिंगल यूज़) प्लास्टिक के डिस्पोज़बल कप सरकार द्वारा बैन किए जाने की वजह से पेपर कप मैन्युफेक्चरींग के व्यापार में डिमैन्ड अच्छी-खासी बढ़ गई हैं।
Q:पेपर कप बनाने की मशीन पर कितने कर्मचारी काम करते हैं?
पेपर कप बनाने की एक मशीन पर एक शिफ्ट में एक कुशल ऑपरेटर और एक हेल्पर ऐसे 2 कर्मचारी काम करते हैं। इस के अलावा एक टेकनीशियन की भी आवश्यकता रहती हैं जो दिन वाली शिफ्ट में मशीन के रखरखाव एवं मरम्मत की ओर ध्यान देता हैं । एक टेकनीशियन 2-3 मशीनों की ओर ध्यान दे सकता हैं इसलिए मशीनें बढ़ने पर केवल अतिरिक्त ऑपरेटर एवं हेल्पर ही आवश्यक होंगे।
Q:पेपर कप मशीन कहाँ मिलती हैं?
पेपर कप बनाने की मशीनें अब आयात नहीं करनी पड़ती। हमारे देश में ही अच्छी क्वालिटी की मशीन मिल जाती हैं। दिल्ली, फरीदाबाद, कोलकता, जयपुर, अजमेर, औरंगाबाद, कोइमबतूर, लखनऊ, सूरत, हैदराबाद यह कुछ शहर हैं जहाँ पेपर कप मशीन के निर्माता हैं। इस लेख में यह जानकारी यहाँ पढ़ें।
Q:क्या पेपर कप से चाय-कॉफी जैसे गर्म पेय पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं?
पेपर कप के कागज़ पर लो डेनसिटी पॉलीएथलिन (LDPE) प्लास्टिक की बहुत ही पतली परत होती हैं जो कागज़ को गीला होने से बचाती हैं। परन्तु अपने ही किस्म की एकमात्र रीसर्च स्टडी में यह पाया गया हैं की 15 मिनट गर्म तरल पदार्थ के संपर्क में रहने से प्लास्टिक की परत से 25000 की तादाद में माइक्रॉन साइज़ के कण निकल कर तरल पदार्थ में घुल जाते हैं। यह निस्संदेह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता हैं। इस बात की पुष्टि या खंडन करने के लिए इस विषय में ज्यादा शोध अध्ययन की आवश्यकता हैं।
Q:क्या पेपर कप वाकई में पर्यावरण के अनुकूल हैं?
पेपर कप के कागज़ पर लो डेनसिटी पॉलीएथलिन (LDPE) प्लास्टिक की जो अत्यधिक महीन परत लगी होती हैं वह पेपर कप की रिसाइक्लिंग में बाधा पैदा करती हैं। उसे हटाए बगैर की हुई रिसाइक्लिंग सही मायनों में रिसाइक्लिंग न होगी।
Q:क्या पेपर कप प्लास्टिक के कप से बेहतर हैं?
जहाँ पेपर कप को सड़ने और धरती में पूर्ण रूप से विलीन होने के लिए करीब 20 वर्ष लगते हैं वहीँ प्लास्टिक कप को डीकॉम्पोज़ होने को हजारों वर्ष लग जाते हैं। तो इस लिहाज़ से पेपर कप बेहतर साबित हुए।
परन्तु पेपर कप का कार्बन फुटप्रिन्ट प्लास्टिक कप से कहीं अधिक हैं। पेड़ काटने से पेपर कप बनाने तक की प्रक्रिया में जो पानी और ऊर्जा की खपत होती हैं वह प्लास्टिक कप से बहुत अधिक हैं। इस नजरिए से देखा जाए तो प्लास्टिक कप बेहतर हैं।
Q:पेपर कप बनाने की मशीन प्राइस क्या हैं?
Fully-automatic पेपर बनाने की मशीन की कीमत 6.5 लाख से 9.5 लाख रुपए हो सकती हैं।