Machinery Store Kaise Khole? | मशीनरी स्टोर कैसे खोले ?

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औद्योगिक क्रांति होने के 100 वर्ष बाद सारे विश्व में औद्योगीकरण अत्यधिक तेजी से होने लगा । इसके चलते हाथ से चीजें बनाने कि परम्परा खत्म होती गईं और औद्योगिक स्तर पर चीजों का मशीनों से निर्माण किया जाने लगा । मशीनों के पुर्जों कि शीघ्र आपूर्ति हो सकें इसलिए मशीनरी स्टोर खुलने लगें । इस लेख में Machinery Store Kaise Khole इस विषय में विस्तृत जानकारी साझा कर रहें हैं ।

मशीनरी स्टोर क्या होता हैं?

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मशीनरी और मशीन से संबंधित पुर्जों (Parts) और टूल्स (Tools) कि दुकान को ही मशीनरी स्टोर कहा जाता हैं । यह पार्ट्स घरेलू , व्यावसाइक एवं औद्योगिक मशीनरी के हो सकतें हैं । इसमें मशीनरी बेचना शामील नहीं हैं । चूँकि मशीनरी इतने अधिक प्रकार कि बनाई जा रहीं हैं इसलिए इस बिजनेस के अनुकूल आइटम हजारों में नहीं लाखों में हैं । इसलिए प्रत्येक मशीनरी स्टोर एक सीमित प्रकार के पार्ट्स में विशेषज्ञता हाँसील किए होता हैं । मिसाल के तौर पर, ऑटोमोबाईल के पार्ट्स कि दुकान अलग होतीं हैं, वाशिंग मशीन फ्रिज इत्यादि के पुर्जों कि दुकान अलग होतीं हैं, टाइल्स एवं सुतार (Carpenter) कि मशीनों के पार्ट्स ज्यादातर हार्डवेयर कि दुकानों से बेचे जातें हैं ।

मशीनरी तथा मशीन पार्ट्स क्या होता हैं?

मशीनरी में तथा मशीनों में कईं प्रकार के पार्ट्स होतें हैं । छोटे – बड़े साइज़ के bearings लगभग हर मशीन में पाएं जाते हैं । इनमें बेल्ट भी होतें हैं । विभिन्न प्रकार के और साइज़ के नट-बोल्ट; ड्रिल मशीन के ड्रिल बिट (drill bit); लकड़ी-मेटल को घिसने के लिए रेगमाल (sand पेपर-emery पेपर); हैन्ड टूल्स ; चूड़ियाँ बनाने के tap सेट; काटने के लिए आरी के ब्लैड (saw ब्लैड); grinding मशीन के grinding व्हील्स ; चैन और चैन लिंक ; रिवेट (Rivet) वैल्डिंग रॉड जैसी चीजें मशीनरी पार्ट्स में गिनी जाती हैं ।

टॉप 20 मशीन पार्ट कौनसे हैं?

  1. बेयरिंग (Bearings)
  2. बेल्ट (Belts) एवं पूली (Pully)
  3. एलेन बोल्ट और नट (Allen Head Bolt)
  4. रेगमाल (Sand papers एण्ड Emery Sheets )
  5. हैन्ड टूल्स
  6. ड्रिल बिट (Drill Bits)
  7. Lathe मशीन (खराद मशीन) के व्हाइट बिट (Lathe white Bit)
  8. ग्राइन्डर के व्हील (Grinding Wheels)
  9. चूड़ियाँ काटने के टैप सेट (Threading tap Set)
  10. मोटर-पम्प के पीतल के , निप्पल , एलबों , टी , कनेक्टर , जॉइन्ट , रेडयूसर आदि
  11. ब्लैक HDPE पाइप
  12. ग्रीन होज पाइप
  13. बॉल वाल्व
  14. इलेक्ट्रिक केबल
  15. MCB, Starter, ELCB, ON-OFF Switch, Push Button Switch इत्यादि इलेक्ट्रिकल सामान
  16. खराद और ड्रिल मशीनों के चक
  17. खराद मशीन के टूल होल्डर
  18. कार्बाइड कटर के इन्सर्ट
  19. मिलिंग मशीन के विभिन्न कटर
  20. welding रॉड
  21. Welding सुरक्षा कांच
  22. लोहा घिसने की Files
  23. इंडस्ट्रीज़ में प्रयुक्त होने वाले प्लास्टिक (Nylon, PP, Teflon) की छड़ियाँ एवं रॉड
  24. चैन (Chains) एवं उनके व्हील (Sprokets)
  25. विभिन्न प्रकार के पाने (Spanners), पकड़ (Pliers) एवं रेंच (Wrench)
  26. डाई मैकिंग एवं मशीन मैन्ट्नन्स में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न टूल्स

शहरों के औद्योगिक क्षेत्र के निकट दुकान होगी तो उसमें ज्यादातर औद्योगिक मेकेनिकल एवं इलेक्ट्रिकल पार्ट्स होंगे । जिला स्तर कि दुकान होगी तो औद्योगिक , मेकेनिकल एवं इलेक्ट्रिकल सभी पार्ट्स का मिश्रण होगा । छोटे गाँव के मशीनरी स्टोर में किसानी (खेती) से संबंधित मशीनरी के आइटम ज्यादा होंगे ।

मशीनरी पार्ट बिजनेस का मार्केट परिदृश्य

चूँकि मशीनरी स्टोर प्रायः शहरों – गांवों के मुख्य वाणिज्यिक क्षेत्रों कि चमक-दमक से दूर होतें हैं , इसलिए इनको वह तवज्जो नहीं दी जाती जो ज्वेलरी और रेडीमैड कपड़ों जैसी अन्य दुकानों को दी जाती हैं । इसके चलते आम जनता इस बिजनेस को कमाई के दृष्टिकोण से अधिक महत्वपूर्ण नहीं समझती । नए उद्यमी ऐसा स्टोर खोलने कि ओर ध्यान नहीं देते । इसलिए अधिकतर स्टोर बहुत पुराने होतें हैं । इसलिए इस लाइन में काम्पिटिशन भी अधिक नहीं हैं ।

मशीनरी पार्ट के रेट के बारे में भी लोग अधिक जानकार नहीं होतें हैं । इधर मशीनरी का इस्तेमाल तो बहुत तेजी से बढ़ा हैं और बढ़ रहा हैं । सो माँग में कोई कमी नहीं आई हैं , बढ़ोतरी ही हुई हैं । Distributor और wholesaler से 50 से 60 प्रतिशत डिस्काउंट पर मशीनरी स्टोर को माल कि सप्लाई होतीं हैं ।

प्रतिस्पर्धा ज्यादा नहीं और प्रॉफ़िट मार्जिन ज्यादा है । मशीन खराब होने पर पार्ट्स खरीदने कि मजबूरी होती है और रेट कि मालूमात कम होती है । इस वजह से मशीनरी स्टोर खोलने में जोखिम कम और फायदा ज्यादा हैं ।

मशीनरी स्टोर कैसे खोलें ?

यह बिजनेस शुरू करने से पूर्व कुछ बिंदुओं पर मेहनत करना आवश्यक हैं । यह निम्न चरणों के जरिए किया जा सकता हैं ।

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मार्केट रिसर्च करें

स्टोर खोलने का पहला चरण होगा मार्केट रिसर्च । मार्केट रिसर्च में इन प्रश्नों के उत्तर ढूँढने होंगे । इसके लिए आपके संपर्कसूत्रों से जानकारी प्राप्त करनी होगी ।

  • आपके एरिया में कौनसे उद्योग हैं और उन्हें कौनसे मशीनरी पार्ट्स कि आवश्यकता हो सकती हैं ?
  • आपके प्रतिस्पर्धी कौन हैं ? उनकी दुकाने कहाँ हैं ? उनकी कमज़ोरियाँ एवं बलस्थान क्या हैं ? वे रीटेल बेचतें हैं या wholesale या दोनों ? उधारी में बेचते हैं या नकद पेमेंट पर ? उधारी कितने दिनों कि होती हैं ?
  • मुख्य कस्टमर कौन कौन हैं ? उनकी जरूरतें क्या हैं ? वे कहाँ हैं ? उनकी पेमेंट से संबंधित आदतें क्या हैं ?
  • आपके प्रतिस्पर्धी कहाँ से माल खरीदतें हैं ? वहाँ विभिन्न आइटम के रेट क्या हैं ? वहाँ से कौनसे ट्रांसपोर्ट से , कितने समय में , कितने खर्च पर माल आता हैं ?
  • आपके एरिया से सटे गाँवों में ऐसे कितने स्टोर हैं ? वे माल सीधे किसी अन्य बड़े शहर से खरीदते हैं या आपके शहर से खरीदते हैं ? उन्हें किन आइटम कि जरूरत होती हैं ?

इन प्रश्नों के उत्तर के रूप में आपको जो जवाब मिलेंगे उनके आधार पर बहुत हद तक सही परन्तु मोटामाटी आयडिया मिल जाएगा कि यह बिजनेस क्या हैं और कैसा हैं ।

बिजनेस प्लान बनाएं

बिना बिजनेस प्लान बनाए कोई भी व्यवसाय करना एक गंभीर भूल हैं । पढ़ें शीर्ष 10 गलतियाँ जो उद्यमी करतें हैं

बिजनेस प्लान कैसे बनाएंगे ?

प्लान बनाने हेतु आपको इन छोटे -बड़े सभी पहलुओं पर गौर करना होगा:

  • अगले 12 महीनों में आपका सेल प्रत्येक महीने में कितना होना चाहिए इसका लक्ष्य निर्धारित कीजिए ।
  • न्यूनतम और अधिकतम प्रॉफ़िट प्रत्येक आइटम पर क्या होगी यह तय कर लीजिए ।
  • न्यूनतम और अधिकतम उधारी आप कितनी देंगे यह भी तय कर लीजिए ।
  • मुख्य 4-5 टारगेट कस्टमर कौन होंगे और उनका विश्वास कैसे जीतेंगे इस कि व्यूहरचना बना लीजिए ।
  • कुल सेल का कितना प्रतिशत wholesale और retail करेंगे यह तय कर लीजिए ।
  • ग्राहकों को अच्छी सेवा देने हेतु आप क्या करेंगे यह सोच लीजिए ।
  • बिजनेस में कब कब और कितना अतिरिक्त निवेश करोगे इसकि प्लानिंग कर लीजिए ।
  • उधारी वसूलने के कुछ कारगर परन्तु ग्राहक हितैषी तरीके सोच कर रख लीजिए ।
  • आपका प्रतिस्पर्धात्मक लाभ (Competitive Advantage) कहाँ कहाँ हो सकता हैं यह अच्छे से सोच लीजिए ।
  • आपके प्रतिस्पर्धी से अधिक , अलग और अनोखा ऐसा क्या ग्राहकों को दे सकते हैं यह सोच लीजिए ।

वित्त का प्रबंध करें

मशीनरी स्टोर खोलने में कितना निवेश करना होगा?

निवेश इस बात पर निर्भर करता हैं कि आप किस स्तर पर यह बिजनेस करना चाहते हैं । परन्तु 5 से 10 लाख रुपए के कुल निवेश से यह बिजनेस शुरू किया जा सकता हैं । इस बिजनेस में Drill Bits, Bearing एवं Belt जैसे कुछ पार्ट्स ऐसे होतें हैं जिनके बहुत अधिक साइज़ होतें हैं और उनमे से अधिकतर साइज़ दुकान में रखने ही पड़तें हैं । इस वजह से इतना निवेश लग ही जाता हैं ।

उचित स्थान का चयन करें

चूँकि यह किराना स्टोर नहीं हैं इसलिए दुकान का गली के नुक्कड़ पर होना या किसी महत्वपूर्ण चौराहे पर होना जरूरी नहीं हैं । शहर के सबसे प्रतिष्ठित वाणिज्यिक इलाके में हो यह भी जरूरी नहीं । परन्तु यह जरूरी हैं कि स्थान ऐसा होना चाहिए जहाँ आने-जाने के लिए पर्याप्त परिवहन सुविधाएं हों ; जहाँ बिजली एवं पानी कि निरंतर उपलबद्धता हो और जहाँ ग्राहकों को आने के लिए ज्यादा कष्ट उठाने ना पड़े । यह ऐसी जगह होनी चाहिए जो कि आपके मुख्य 4-5 कस्टमर के निकट हों या फिर बाजार में आपके प्रतिस्पर्धियों कि दुकानों के आसपास हो परन्तु बहुत निकट ना हो ।

इस व्यवसाय में दुकान के लिए 500-700 वर्ग फुट का एरिया शुरुआती दौर में पर्याप्त रहेगा ।

मशीनरी पार्ट्स वजन में भारी होतें हैं । इसलिए स्टोर का फर्निचर लोहे का बनवाना उचित रहेगा ।

आवश्यक पंजीकरण और लाइसेन्स प्राप्त करें

  • शुरुआती दौर में बिजनेस को एकल स्वामित्व वाली फर्म (proprietorship firm) रखते हुए GST पंजीकरण करवाएं । उचित लगे तो अपनी पत्नी के साथ partnership firm भी बना सकते हैं । इसमें आप चार्टर्ड अकाउन्टन्ट की सहायता ले सकते हैं । शुरुआत में ही GST पंजीकरण अनिवार्य तो नहीं हैं परन्तु पंजीकृत होने के फायदे ज्यादा हैं । एकल स्वामित्व वाली फर्म के लिए आपका पर्सनल PAN कार्ड पर्याप्त हैं । परन्तु partnership firm के लिए फर्म के नाम का अलग से एक PAN कार्ड बनवाना होगा ।
  • भारत में इस बिजनेस को करने के लिए किसी लाइसेन्स की आवश्यकता नहीं हैं ।
  • अपने व्यवसाय को शॉप एंड एस्टाब्लिशमेंट एक्ट (shop and establishment act) के तहत पंजीकृत करें । यह जरूरी हैं ।

कर्मचारियों कि नियुक्ति करें

व्यवसाय के शुरुआत में केवल एक ही कर्मचारी रखना उचित रहेगा । काम बढ़ने पर और एक कर्मचारी रखना पड़ेगा ।

स्टोर को गूगल बिजनेस प्रोफाइल के तहत सूचीबद्ध करें

पहले तो यह जान लें कि यह फ्री और बेहद आसान हैं । यह गूगल कि व्यवसायों और अन्य संगठनों के लिए ऐसी फ्री सेवा हैं जिससे आपकी ऑनलाइन मौजूदगी दर्ज हो जाती हैं । गूगल पर मशीनरी से संबंधित जानकारी खोजने वाले लोगों को ” Machinery Stores near me ” के तहत उन सारे मशीनरी स्टोर के नाम , पते , फोन नंबर , वेबसाईट जैसी व्यवसाय से संबंधित सारी महत्वपूर्ण जानकारी तो मिलेगी ही , साथ में वहाँ जाने का रास्ता भी गूगल मैप द्वारा दिखाया जाएगा !

यदि आपके प्रतिस्पर्धियों ने इस तरह अपने व्यवसाय को सूचीबद्ध नहीं किया हैं और आप कर लेते हैं तो सूची में आपका व्यवसाय शीर्ष स्थान पर दिखेगा जिससे लोग यह समझेंगे कि यह सबसे बड़ी या पुरानी दुकान हैं ।

आपकी सुविधा के लिए सूचीबद्ध करने हेतु यह लिंक दे रहें हैं , इसे क्लिक कर आप गूगल के इससे संबंधित पेज पर जा सकतें हैं ।

अपने स्टोर कि वेबसाईट बनवाएं

एक पृष्ठ कि ही क्यों ना हों पर अपने व्यवसाय कि वेबसाईट जरूर बनवाएं । इसमें ज्यादा खर्च नहीं आता । 800 से 1500 रुपए में बन जाएगी ।

आज का युग इंटरनेट का युग हैं । जिस तरह शहर के मुख्य और हाई प्रोफाइल एरिया में यदि आपकी दुकान ना हो तो लोग यह समझ बैठते हैं कि आपका व्यवसाय छोटा और कम महत्वपूर्ण हैं , उसी तरह यदि आपके व्यवसाय कि इंटरनेट पर मौजूदगी नहीं हैं तो यह संदेश जाता हैं कि आपका व्यवसाय कम महत्वपूर्ण हैं और शीर्ष पर नहीं हैं ।

दूसरे वर्ष से वेबसाईट का प्रति माह खर्च 200 रुपए समझ कर चलिएगा ।

माल खरीद कर स्टोर में लगाएं

मशीनरी के विभिन्न पार्ट देश के विभिन्न हिस्सों में अलग अलग दाम पर मिलतें हैं । अच्छी तरह से रिसर्च कर पार्ट्स खरीदें और दुकान शुरू कीजिए । पीतल के मशीनरी पार्ट्स गुजरात के जामनगर शहर में न्यूनतम रेट पर मिलतें हैं तो लोहे के हेवी मशीनरी पार्ट्स लुधियाना में मिलतें हैं । टेक्सटाईल मशीनरी के पार्ट्स अहमदाबाद में सबसे सस्ते मिलते हैं तो इलेक्ट्रिक मोटर-पम्प के पार्ट्स दक्षिण के कोइम्बतूर शहर में सबसे अच्छी क्वालिटी के उचित दाम पर मिलतें हैं ।

ज्यादा चलने वाले पार्ट्स ज्यादा quantity में खरीदें और कम चलने वाले पार्ट्स के 2-3 पीस ही खरीदें । ध्यान रहें कि शुरुआत में किसी उद्यमी को यह पता नहीं होता कि कौनसे पार्ट किस quantity में खरीदने चाहिए । ऐसा ना हों कि कम बिकने वाले या बिल्कुल ही नहीं चलने वाले पार्ट्स में आपकी पूंजी लम्बे समय के लिए अटकी पड़ी रहें ।

मशीनरी स्टोर से कितना लाभ कमाया जा सकता हैं ?

इस बिजनेस में प्रॉफ़िट बहुत आकर्षक हैं । 10 लाख रुपए का माल खरीदकर 5 लाख रुपए का प्रति माह बिक्री यदि करतें हैं तो लगभग 80 हजार से 1 लाख रुपए का प्रतिमाह शुद्ध लाभ आप कमा सकतें हैं ।

मशीनरी पार्ट व्यवसाय में क्या जोखिम हैं ?

इस बिजनेस में चूँकि निवेश बहुत अधिक नहीं हैं और डेड स्टॉक कि संभावनाएं भी बहुत कम रहती हैं इसलिए जोखिम ज्यादा नहीं हैं ।

मशीनरी पार्ट व्यवसाय में सफलता के टिप्स

  1. दो बार प्रॉफ़िट कमाने कि रणनीति अपनाएं ! सामान्यतया हम मानते हैं कि माल बेचने पर ही प्रॉफ़िट होता हैं । परन्तु माल खरीदते समय भी प्रॉफ़िट कमाने का अवसर होता हैं । फैक्ट्री से , distributor से रेट के बारे में negotiate करें । कैश डिस्काउंट और quantity डिस्काउंट ज्यादा से ज्यादा कैसे मिल सकता हैं इसकि संभावनाएं तलाशें । जब आप न्यूनतम दामों पर पार्ट्स खरीदतें हैं तब यूँ समझिए कि आप ने कुछ प्रॉफ़िट तभी कमा लिया हैं ।
  2. अपनी दुकान में इन्वन्टोरी (stock) पर अत्यधिक ध्यान दें । मेडिकल स्टोर वाला जो दवाइयाँ स्टॉक में कम हो गईं होतीं हैं उन्हें एक नोट बुक में लिख कर रखता हैं । उसी तरह जो पार्ट्स स्टॉक में कम हो गए होतें हैं उन्हें नोट करते रहें। अपनी स्मरणशक्ति पर अत्यधिक निर्भर न रहें । ऐसा करने से ऐसे मौके कम ही आएंगे जब ग्राहक को आपसे माल न मिलने से निराशा होगी ।
  3. दुकान में प्रत्येक दिन सुबह सबसे पहले दुकान के हर कोने पर , हर रैक पर नजर डाले और दर्ज करें कि सारी आइटम अपनी जगह हैं या नहीं । ऐसा करने से आप को आसानी से पता चल जाएगा कि कौनसी आइटम का स्टॉक कम हो गया हैं या खत्म हो गया हैं ।
  4. समय समय पर सीज़नल मशीन और उसके पार्ट्स अवश्य रखें । मिसाल के तौर पर गर्मियों कि सीज़न में बर्फ के गोले का व्यवसाय करने वाले लोगों को मशीन और उसके पार्ट चाहिए होतें हैं । सो गर्मियाँ शुरू होने से पहले ही इसका प्रबंध कर लें ।
  5. उधारी लौटाने में देरी करने वालों को कम माल दे और वह भी थोड़े ऊंचे दाम पर दे ।
  6. अपने ग्राहकों के बारे में जितनी हो सकें उतनी अधिक जानकारी रखें ताकि अच्छे और बुरे ग्राहकों में फर्क कर पाएं । कईं बार ऐसा होता हैं कि कोई अच्छा ग्राहक किसी आर्थिक परेशानी में होता हैं और उसके चलते वह उधारी चुकाने में अनियमित हो जाता हैं या कुछ समय के लिए असमर्थ हो जाता हैं । तो ऐसे हालात में उसका साथ ना छोड़े ।
  7. समय समय पर मशीनरी कि प्रदर्शनी देखने जाएं ताकि आपके व्यवसाय में होने वाली नयी नयी चीजों से आप अवगत रहें ।

निष्कर्ष

इस व्यवसाय में बहुत अच्छा प्रॉफ़िट मार्जिन हैं । इस बिजनेस में competition बहुत कम हैं और माल खराब होने कि संभावना भी कम रहतीं हैं ।

परन्तु इसमें मेहनत और होशियारी से काम करना पड़ता हैं । इस लाइन में नया नया सीखने कि मानसिकता रखनी होतीं हैं । मेजरमेंट और इंजीनियरिंग कि भाषा समझनी पड़ती हैं । आकर्षक दाम पर पार्ट्स खरीदने के लिए यात्राएं भी करनी पड़ती हैं ।

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अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न | FAQs

Q: क्या मशीनरी स्टोर खोलना फायदेमंद हैं ?

मशीनरी स्टोर खोलना अत्यधिक फायदेमंद हैं । 10 लाख के पूंजी निवेश पर इस बिजनेस में प्रति माह रुपए 80 हजार से 1 लाख तक का प्रॉफ़िट कमाया जा सकता हैं ।

Q: मशीनरी स्टोर शहर के बाजार में खोलना अधिक फायदेमंद हैं या औद्योगिक क्षेत्र में ?

यदि औद्योगिक क्षेत्र अच्छा खासा बडा हैं तो वहाँ खोलना ज्यादा फायदेमंद रहेगा ।

Q: मशीनरी स्टोर के आइटम कहाँ मिलते हैं ?

अलग अलग जगहों पर मिलते हैं – खराद और पावर प्रेस के पार्ट्स राजकोट और लुधियाना में , इलेक्ट्रिक मोटर -पम्प के पार्ट्स कोइम्बतूर और दिल्ली में , कटिंग टूल्स मुंबई में , पीतल के पार्ट्स जामनगर में , टेक्सटाईल मशीनरी के पार्ट्स अहमदाबाद में मिलतें हैं ।

लेखक: गिरीश शाह

मेरा नाम गिरीश शाह हैं । मैं इस वेबसाईट का लेखक एवं संस्थापक हूँ । मैं मकैनिकल इंजीनियर, इन्डस्ट्रीअल डिजाइनर और उद्यमि भी हूँ। इस वेबसाईट पर उद्यमिता, व्यापार और कमाई के विभिन्न स्रोतों के बारे में मेरा अनुभव और जानकारी साझा करता हूँ।

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