लेजर गिफ्ट और आर्ट आइटम का बिजनेस शुरू करें | Laser Gift and Art Items Business
क्या आप कोई ऐसा बिजनेस करने की सोच रहें हैं जो कम लागत में ज्यादा कमाई दे सकें ? जिस में कुशल श्रमिकों पर निर्भर न रहना पड़े और बड़ी जगह की आवश्यकता भी न हों ? जिसमें कम्पीटीशन (competition) कम हों और विशाल मार्केट उपलबद्ध हों ? जो छोटे , मध्यम , बड़े सभी स्तर पर किया जा सकता हों और जिस में भौगोलिक सीमाओं की बाधाएं न हों ? तो लेजर गिफ्ट और आर्ट आइटम का बिजनेस आपके लिए एक सही बिजनेस रहेगा ।
गिफ्ट और आर्ट आइटम का व्यवसाय वैसे तो सदाबहार व्यवसायों में से एक हैं परंतु जब इस में लेजर कटिंग और लेजर एन्ग्रेविंग तकनीक का इस्तेमाल होता हैं तो कईं नयीं संभावनाएं जन्म लेती हैं । गिफ्ट और आर्ट आइटम का बिजनेस रचनात्मकता और इनोवैशन पर अत्यधिक निर्भर करता हैं । हमेशा कुछ नया करते रहना पड़ता हैं ।
पारंपरिक बिजनेस में नूतनता की इतनी अधिक आवश्यकता नहीं रहती हैं । या यूँ कहिए कि छोटी बैच में विभिन्न चीजें बनाने के लिए पारंपरिक मैन्युफेक्चरिंग अनुकूल नहीं हैं । ऐसे में लेजर और डिजिटल technology गिफ्ट और आर्ट बनाने के इतने अधिक विकल्प देतें हैं की चयन करना मुश्किल हो जाता हैं ! डिजाइन के ही नहीं , विभिन्न मटीरीअल के भी ढेर सारे विकल्प मिल जाते हैं । बस यूँ समझिए की हमारे दिमाग की मर्यादाओं के अलावा और कोई चीज नहीं हैं जो नूतनता में बाधा बनें । जीतने अधिक आइडियाज़ होंगे उतनी अधिक नूतनता और जितनी अधिक नूतनता उतना अधिक प्रतिस्पर्धात्मक लाभ (competitive advantage) रहेगा और उतना ही अधिक प्रॉफ़िट भी रहेगा ।
लेजर गिफ्ट और आर्ट आइटम का बिजनेस कैसे शुरू करें?
इस बिजनेस में आपको मेटल , प्लास्टिक , पेपर या प्लाइवूड जैसे मटीरीअल से लेजर कटिंग और एन्ग्रेविंग मशीन का इस्तेमाल कर के विभिन्न गिफ्ट और आर्ट प्रॉडक्ट बनाने होतें हैं । अलग अलग मटीरीअल के लिए अलग प्रकार की लेजर मशीन होती हैं । कटिंग और एन्ग्रेविंग के लिए अलग अलग मशीन होती हैं ।
लेजर-कट MDF बोर्ड से बना रीलीफ स्कल्प्चर (Relief Sculpture) आर्टिस्ट: Gabriel-Schama
यह बिजनेस शुरू करने के लिए विभिन्न चरण यह हैं :
- मार्केट रिसर्च करें
- बिजनेस प्लान बनाएं
- बिजनेस के लिए स्थान का चयन करें
- लेजर मशीन का चयन करें
- पंजीकरण एवं लाइसेन्स प्राप्त करें
- कर्मचारियों की नीयुक्ती करें
- अपने बिजनेस की वेबसाईट बनवाएं
- गिफ्ट और आर्ट आइटम बनाना शुरू करें
- मार्केटिंग स्ट्रैटिजी बनाएं और उसे क्रयान्वित करें
लेजर गिफ्ट और आर्ट आइटम क्या हैं ?
मार्केट में हम विभिन्न प्रकार के गिफ्ट आइटम देखते हैं । यह मशीन से बने (machine made) होतें हैं और हाथ से बने भी होतें हैं । हाथ से बने होतें हैं उन्हें हैन्डीक्रैफ्ट (handicraft) प्रोडक्ट या हैन्ड-क्राफ्टेड भी कहा जाता हैं । इनके प्रकारों , मटीरीअल , रंगों, आकारों , शैलिओं में इतनी विविधता होती हैं की इन्हें व्याख्यायित करना लगभग असंभव हैं । परंतु अधिकतर हैन्ड-क्राफ्टेड वस्तुओं को गिफ्ट या आर्ट आइटम कहा जा सकता हैं । आइए , जानते हैं गिफ्ट और आर्ट आइटम के बारे में ।
कलात्मक चीजों के लिए लकड़ी एवं बाँस का प्रयोग सदियों से किया जाता रहा हैं । इन मटेरियल्स का सौंदर्यात्मक आकर्षण (aesthetic appeal) ही इतना प्रभावी हैं कि आज के इंटरनेट युग में भी इनका जादू बरकरार हैं । गिफ्ट आर्टिकल में घड़ियों का विशेष स्थान रहा हैं । परंतु जब लेजर का कल्पनाशीलता से प्रयोग किया जाता हैं तो यह मनमोहक design सम्भव हो जाते हैं ।
लेजर कटिंग और एन्ग्रेविंग से बनी मनमोहक वॉल क्लाक
चाय के कप के नीच रखने के कोस्टर्स लेजर प्रॉडक्ट बनाने वालों में बहुत ही पॉपुलर हैं । ग्राहक इन में कलात्मक सौन्दर्य देखना चाहतें हैं । लेजर के अनुकूल कोस्टर डिजाइन के अनगिनत आइडियाज हो सकतें हैं । कोस्टर्स कि विशेषता यह हैं कि यह सभी प्रकारके मटीरीअल से बनाएं जातें हैं । हमारे हिंदुस्तान में अधिकतर कोस्टर्स प्लास्टिक , MDF board एवं लकड़ी से बने पाएं जातें हैं , परंतु विदेशों में Slate (एक किस्म का पत्थर) से बने कलात्मक एन्ग्रेविंग वाले डिजाइन लिए हुए कोस्टर्स अत्यधिक पॉपुलर हैं ।
लेजर गिफ्ट और आर्ट प्रॉडक्ट में सबसे अधिक बिकने वाला आइटम संभवतः कोस्टर्स ही होगा ।
लकड़ी और MDF board से बने ज्यामितिक लेजर एन्ग्रेविंग वाले कोस्टर्स
पश्चिमी देशों का अनुकरण करने कि चाह में दोस्तों , हमारे हिंदुस्तान में भी अब विवाह का औपचारिक निमंत्रण देने से बहुत पहले ही Save the Date का संदेश भेजने का फैशन लोकप्रिय हो चला हैं । आम लोग तो WhatsApp से संदेश भेज देतें हैं परंतु खास लोग ऐसे Save the Date भेजतें हैं ।
पतले MDF बोर्ड से बने लेजर से एन्ग्रेविंग किए हुए Save the Date
प्रत्येक देश में वॉल डेकोर कि आइटम कि माँग बढ़ रही हैं । रोटी, कपड़ा और मकान कि जुगत से जब इंसान मुक्त हो जाता हैं तो फिर वह सुंदरता में लेने लगता हैं । अपने घर का सौन्दर्य बढ़ाने कि ओर ध्यान देने लगता हैं । वॉल डेकोर आइटम ऐसे लोगों कि पहली पसंद हैं , क्योंकि इन्हें दिखन कि चेष्टा नहीं करनी पड़ती । दीवार पर टँगे होने से ये अपने आप ही दिख जातें हैं और देखने वालों के नयनों को तृप्त कर देते हैं ।
वॉल डेकोर आइटम में जानवरों के सिर या धड़ , प्रवेशद्वार पर लगाने कि कलात्मक नेम प्लेट , आर्ट पीस इत्यादि शामिल हैं ।
बारहसिंगे का सिर प्रवेशद्वार पर लगी कलात्मक Name Plate
MDF board कि लेजर कटिंग से बना रीलीफ स्कल्प्चर शैली में वॉल डेकोर आइटम
किताब पढ़ने के शौकीन लोगों के लिए बुकमार्क बहुत आवश्यक होता हैं । बुकमार्क के साथ उनका लगाव ठीक वैसा ही होता हैं जैसा एक बालक का अपने खिलौने से ! कोस्टर्स कि भांति बुकमार्क भी decoration के लिए बहुत अनुकूल होता हैं । हालाँकि बुकमार्क बहुत पतले होतें हैं । बुकमार्क बनाने हेतु मेटल , प्लास्टिक , बाँस , लेदर आदि का उपयोग होता हैं । नीचे लेजर से कटिंग और एन्ग्रेविंग की हुए बुकमार्क कि कुछ तस्वीरें दिखाई हैं ।
डेकोरेटिव लैम्प, गिफ्ट और आर्ट आइटम कि कैटेगरी में एक हाई प्रॉफ़िट महत्वपूर्ण कैटेगरी हैं । इस में hanging lamps के विभिन्न मटेरियल्स से बने अनगिनत डिजाइन और आकार के मॉडल बेचे जातें हैं । लेजर से ऐसे लैम्प 5-10-20 कि छोटी छोटी बैच में आसानी से बनाएं जा सकतें हैं । उदाहरण के लिए ऊपरवाली तस्वीर में एक आकर्षक hanging lamp देख सकतें हैं ।
Save the Date कि तर्ज पर ही एक और पश्चिमी संस्कृति का प्रॉडक्ट हैं जो हमारे देश में प्रचलित हो रहा हैं । उसका नाम हैं केक टॉपर (Cake Topper) । जन्मदिन , वेडिंग anniversary वगैरह मनाने में केक काटा जाता हैं । केक का डेकोरेशन इस ईवेंट का एक यहां हिस्सा होता हैं । केक टॉपर डेकोरेशन आइटम होती हैं और यह विभिन्न मटेरियल्स से बनाई जाती हैं , परन्तु एक्रिलिक प्लास्टिक का इस्तेमाल ज्यादा होता हैं ।
एक्रिलिक प्लास्टिक से बने लेजर से कटे केक टॉपर
लेजर कटिंग और एन्ग्रेविंग के लिए एक्रिलिक श्रेष्ठ मटीरीअल हैं । लेजर प्रक्रिया में इस मटीरीअल का व्यवहार बहुत ही अनुकूल रहता हैं । सस्ता हैं , विभिन्न मोटाई और रंगों में मिलता हैं । इसलिए इसे बहुत पसंद किया जाता हैं । एक्रिलिक का आईने जैसा प्रकार भी होता हैं , जिसमें हम कांच के आईने कि तरह अपने आप को देख सकतें हैं । ऐसे एक्रिलिक मिरर से भी लेजर कटिंग कर कलात्मक और गिफ्ट आइटम बनाएं जा रहें हैं । नीचे बाईं तस्वीर में USA का नक्शा एक्रिलिक मिरर से काटा गया हैं और दीवार को सुंदरता प्रदान कर रहा हैं ।
लेजर से कागज भी काटा जाता हैं । कागज से अत्यधिक सुंदर आइटम बनाएं जा सकतें हैं और उनकी उपयोगिता भी हो सकती हैं । ऊपर वाली तस्वीर में दाईं ओर विवाह के निमंत्रण कार्ड का सुंदर लिफाफा देख सकतें हैं ।
नीचे वाली तस्वीर में हरी और दीप्ति कि पेपर से बनी अद्भुत और अद्वितीय कलाकृति दिखाई हैं । लेजर कि संभावनाएं क्या हो सकती हैं इसका यह उत्कृष्ट नमूना हैं ।
नीचे कि तस्वीर में : बाएं एक्रिलिक एन्ग्रेविंग वाली होटल के रूम कि दिशा निर्देशन का sign । दाएं एक्रिलिक कटिंग वाला कलात्मक विवाह निमंत्रण ।
नीचे कि तस्वीर में : बाएं एक्रिलिक एन्ग्रेविंग और कटिंग वाले विजिटिंग कार्ड , मध्य में mosaic शैली में एक्रिलिक hanging पैनल और दाएं lअकड़ी से बना कलात्मक Coat Hanger ।
लेजर कटिंग एवं एन्ग्रेविंग प्रक्रिया कि सहायता से एक्रिलिक और लकड़ी से बने आभूषण भी अब धीरे धीरे पॉपुलर हो रहें हैं । नीचे कि तस्वीरों में इनके उदाहरण देखे जा सकते हैं ।
लेजर गिफ्ट और आर्ट आइटम का बाजार परिदृश्य
हिंदुस्तान में MDF बोर्ड (लकड़ी का बोर्ड) से बने पूजा मंदिर amazon पर बिक रहें हैं । लेजर मशीन से कटे मोबाइल फोन के tampered ग्लास भी बेचें जा रहे हैं। छूट-पुट वॉल डेकोर के आइटम भी बनाएं जा रहें हैं । अब वॉल डेकोर की बात निकली ही हैं तो बता दें कि लेजर से वॉल पेंटिंग स्टेन्सिल बनाने का व्यवसाय भी आकर्षक मुनाफा देने वाला बिजनेस हैं ।
लेजर एन्ग्रेविंग प्रोडक्टस में अधिकतर लोग नेम प्लेट , नाम एन्ग्रेव की हुई चीजें , लकड़ी – बाँस के कोस्टर्स , कीचैन (key chain) इत्यादि बना कर बेच रहे हैं।
एक बात जो उभर कर आ रहीं हैं वह यह की लेजर और डिजिटल technology की असीम क्षमताओं का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा । हर कोई यह मशीन लेना चाहता हैं । वजह साफ हैं । यह सस्ती हैं , इस बिजनेस में लागत भी बहुत कम हैं । फिर घर से काम करने का विचार भी हावी हैं ।
परंतु ज्यादातर लोग विफल हो रहें हैं । वे रचनात्मकता,कल्पनाशीलता और इनोवैशन का उपयोग नहीं कर रहें हैं । वे वही प्रोडक्ट बनाना चाहते हैं जो पहले से ही 1000 लोग कर रहें होतें हैं ।
इसके अलावा वे अपने छोटेसे भौगोलिक क्षेत्र को ही लक्षित (target) कर रहें हैं । उनके पास कोई मार्केटिंग स्ट्रैटिजी भी नहीं होती । बस बिना सोचे दूसरे लोग जो कर रहें होतें है वही उसी ढंग से करना शुरू कर देते हैं जिसकी वजह से इच्छित परिणाम नहीं मिलते ।
इस बाजार में ग्राहक गिफ्ट और आर्ट प्रॉडक्ट खरीदता हैं यह एक भ्रांति हैं । ग्राहक प्रोडक्ट नहीं विशिष्टता (uniqueness) खरीदने में रुचि रखता हैं । यहाँ उपयोगिता (utility) नहीं , अनोखापन (exquisiteness) बिकता हैं । यहाँ समानता नहीं भिन्नता की वैल्यू हैं । यही वजह हैं की कॉपी किए हुए और duplicate प्रॉडक्ट या तो नहीं बिकते या ज्यादा प्रॉफ़िट नहीं दे पाते ।
लेजर गिफ्ट और आर्ट आइटम के बिजनेस का मार्केटिंग रिसर्च करें
- बाजार में क्या उपलबद्ध हैं , क्या बिक रहा हैं , कीमतों की रेंज क्या हैं , थीम क्या हैं , कौन से मटीरीअल चल रहें हैं , क्या पॉपुलर हैं इत्यादि का अध्ययन करें ।
- निर्माताओं की वेबसाईट पर समय बिताएं । गहराई में जाएं और वेबसाईट का स्ट्रक्चर , डिजाइन कैसा हैं , ब्रांडिंग कैसी हैं , प्रोडक्ट की विविधता कितनी हैं , फोकस किन भौगोलिक क्षेत्रों के ग्राहकों पर हैं , ऑनलाइन या ऑफलाइन, एक्सपोर्ट मार्केट भी हैं या नहीं , किन किन eCommerce प्लेटफॉर्म से बेच रहें हैं , मार्केटिंग किस तरह से कर रहें हैं इन चीजों का बारीकी से अध्ययन करें ।
- ऑनलाइन स्त्रोतों से आँकड़े एवं जानकारी निकालें की मार्केट की क्षमता क्या हैं और विस्तार की संभावनाएं , फ्यूचर projections क्या हैं । आर्ट से संबंधित ऑनलाइन फोरम से जानकारी निकालें । आर्टिस्ट , निर्माताओं , उद्यमिओं के साक्षात्कार (interviews) देखें , पढ़ें ।
- लेजर मशीनों के मैन्युफेक्चररों की वेबसाईट , यूट्यूब चैनल पर जा कर देखें की वे मशीनों का प्रमोशन करने हेतु कौन से प्रोडक्टस दिखा रहें हैं । प्रायः उनके वेबसाईट के ब्लॉग सेक्शन में इन मशीनों से कौन से प्रोडक्ट बना सकतें हैं इस विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी दी हुई होती हैं ।
- यह रिसर्च करने के दौरान कुछ आर्टिस्ट के वेबसाईट के लिंक भी मिलेंगे । वहाँ भी जा कर अध्ययन करें की वे कैसे डिजिटल और लेजर technology का रचनात्मकता के साथ उपयोग कर रहें हैं । फोकस यह होना चाहिए की इन मशीनों से क्या क्या बन सकता हैं इस बारे में सारी संभावनाओं का पता चलें । यह बातें ना तो मशीन मैन्युफेक्चरर बता सकता हैं और ना ही कोई आर्टिस्ट बता सकता हैं । क्यों की वे सभी हमारी तरह ही अपने अपने सीमित विचारों की गिरफ्त में होतें हैं । परंतु इन स्त्रोतों से मिली जानकारी के विभिन्न टुकड़ों को जोड़ कर एक तस्वीर बनाने के गंभीर और ईमानदार प्रयास करने होते हैं । इस से होता यह हैं की हमें इस विषय पर एक यूनीक दृष्टिकोण मिल जाता हैं जो की मार्केट में जो चल रहा होता हैं उस से अधिक विस्तृत, गहरा और भिन्न होता हैं ।
बिजनेस प्लान बनाएं
बिना बिजनेस प्लान बनाए कोई भी व्यवसाय करना एक गंभीर भूल हैं । बिजनेस प्लान कैसे बनाएंगे ?
निम्न प्रश्नों के उत्तर पर्याप्त सटीकता और गंभीरता से खोजेंगे तो मार्केटिंग प्लान बनाने के लिए आवश्यक सामग्री मिल जाएगी ।
- बिजनेस मॉडल कैसा होगा ? यह बिजनेस करने के दो मुख्य तरीके हैं – प्रॉडक्ट बिजनेस और सर्विस बिजनेस । एक में आप के अपने डिजाइन किए हुए प्रॉडक्ट बनाने होते हैं और उन्हें बेचने के लिए मार्केटिंग करनी होती हैं । दूसरे में आर्किटेक्ट , डिजाइनर , कंपनीयाँ , ईवेंट मैनेजमेंट कंपनीयाँ, वेडिंग प्लानिंग कंपनीयाँ जैसे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार प्रॉडक्ट बना कर सप्लाय करने होते हैं । दो में से किसी एक बिजनेस मॉडल ही चुनें । दो नाँव की सवारी लाभदायक नहीं होती , फोकस कमजोर हो जाता हैं और संसाधनों का व्यर्थ व्यय हो जाता हैं ।
- कस्टमर प्रोफाइल (संभावित ग्राहक की जानकारी ): कस्टमर किस आयुवर्ग से होंगे ? किस सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि वाले होंगे ? उनकी आशा-आकांक्षाएं क्या हो सकती हैं ? विभिन्न प्रॉडक्ट category में उनके पसंदीदा ब्रांड क्या सो हो सकते हैं ? घर -ऑफिस के सजावट के बारे में और गिफ्ट देने के बारे में उनकी पसंद-नापसंद के मानदंड क्या हो सकते हैं ? उनकी artistic sensibilities (कला के प्रति संवेदनशीलता के विभिन्न स्तर ) क्या हो सकती हैं ? यदि सर्विस बिजनेस मॉडल को अपनाना हैं तो देखना होगा की कंपनीयों की कीमतों के प्रति संवेदनशीलता क्या हैं ? अतीत में कंपनीयों के पसंदीदा गिफ्ट प्रॉडक्ट क्या रहे थे ? उनके मुख्य प्रतिस्पर्धी कौन हैं ? उधारी की समयसीमा क्या रहेगी ?
- प्रॉडक्टस की कीमतों की रेंज क्या रखनी होंगी ? बड़े ऑर्डर में डिस्काउंट कितना देना होगा ? यदि सर्विस बिजनेस मॉडल को अपनाना हैं तो देखना होगा की कंपनीयों की आवश्यकता के अनुसार कौनसी प्राइस रेंज में प्रॉडक्ट बिठाने होंगे ? ग्राहक के ऑर्डर के अनुसार डिस्काउंट का खाका क्या रहेगा ? न्यूनतम ऑर्डर की वैल्यू (रुपए में कीमत ) और साइज़ (Quantity) क्या रहेगी ? पेमेंट टर्म्स क्या रहेंगे ? अड्वान्स रकम प्रतिशत क्या रहेगा ?
- प्रॉडक्ट डिजाइन : डिजाइन थीम्स क्या रहेंगे ? रंग , आकार , टेक्स्चर , साइज़ क्या रहेंगे ? किन किन मटेरियल्स का इस्तेमाल होगा ? कौन सी technology का प्रयोग करेंगे ? किस हद तक ग्राहक के अनुसार customization करेंगे ? पैकेजिंग रणनीति क्या रहेगी ?
- ग्राहकों की शिकायतों को प्राप्त करने , उन्हे वेरीफ़ाई (verify) करने और सुलझाने के लिए सुचारु और दोहराने योग्य (repeatable) व्यवस्था क्या होगी ? उनसे संपर्क बनाए रखने हेतू क्या व्यवस्था होगी ? उनकी आपके प्रॉडक्टस में रुचि बरकरार रखने हेतू और आपके नए प्रॉडक्टस की सूचना एवं जानकारी उन्हे देने हेतू क्या व्यवस्था रहेगी ? उनकी रुचि के अनुसार नए प्रॉडक्टस बनाने के लिए क्या व्यवस्था रहेगी ?
- मार्केटिंग प्लान क्या रहेगा ? ऑनलाइन या ऑफलाइन ? भौगोलिक क्षेत्र क्या रहेगा ? विज्ञापन और प्रॉडक्ट प्रमोशन की रणनीति क्या रहेगी ? कुल बजट का कितना हिस्सा आवंटित किया जाएगा ? मार्केटिंग खर्च की प्रभावशीलता मापने के मानदंड क्या रहेंगे ? ऑनलाइन प्रेज़न्स के लिए वेबसाईट कैसी रहेगी ? सोशल मीडिया मनेजमेंट कैसे करेंगे , किन किन सोशल प्लेटफॉर्म पर करेंगे ?
- डिजाइन स्ट्रैटिजी क्या रहेगी ? डिजाइन इन हाउस या outsourcing करेंगे ?
- technology स्ट्रैटिजी क्या रहेगी ? लेजर कट या लेजर एन्ग्रेविंग technology या दोनों ? CO2 (Carbon Dioxide) लेजर या फ़ाइबर लेजर या दोनों? मेटल, प्लास्टिक , लकड़ी कौनसा मटीरीअल ?
बिजनेस के लिए स्थान का चयन करें
अब जब की मार्केट रिसर्च हो चुकी हैं और बिजनेस प्लान बन चुका हैं तो बिजनेस के लिए स्थान का चयन करने के बारे में सोचना होगा ।
यह लेख इस बिजनेस को पेशेवर तरीके से करने के विषय में हैं । घर से किए जाने वाले व्यवसायों की पेशेवराना छवि बनाना मुश्किल होता हैं । अपनी प्राइवसी बनाए रखना भी जरूरी होता हैं । इसलिए हमारी राय में इसे घर से नहीं करना चाहिए ।
चूँकि यह कपड़ा व्यवसाय , बर्तन की दुकान या किराना स्टोर जैसा उपभोक्ता वस्तुओं का बिजनेस नहीं हैं , इसलिए ऑफिस का शहर के किसी प्राइम लोकैशन पर होना आवश्यक नहीं हैं । जगह के चयन में इन बिंदुओं पर गौर करना ठीक रहेगा :
- जगह residential area (रिहाइशी इलाके) में नहीं होनी चाहिए ।
- वहाँ आने-जाने के लिए परिवहन सुविधाएं एवं अच्छे रास्ते होने चाहिए ।
- शहर के अंदरूनी हिस्से में होनी चाहिए ।
- पानी एवं बिजली की आपूर्ति निरंतर रहनी चाहिए ।
यह बिजनेस इन्डस्ट्रीअल एरिया में भी कर सकते हैं और शहर के वाणिज्यिक इलाके में भी कर सकते हैं ।
जगह को पाँच हिस्सों में विभाजित करना चाहिए – प्रॉडक्शन , ऑफिस , रॉ मटेरियल्स स्टोअर्स , फ़िनीश्ड गुड्ज़ स्टोअर्स, और कॉनफेरेंस रूम ।
जगह का कुल क्षेत्रफल 1000-1200 वर्ग फुट पर्याप्त रहेगा।
मशीन वाला एरिया यानि की प्रॉडक्शन एरिया को अन्य एरिया से जुदा रखने हेतू अलग कैबिन बनवाना होगा । लेजर प्रक्रिया में मटीरीअल की डस्ट और धुआँ निकलता हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता हैं । प्रॉडक्शन एरिया में इन चीजों की अच्छी निकासी के लिए एक पावरफूल एगजॉस्ट फैन लगाना अनिवार्य रहेगा l
लेजर मशीन का चयन करें
लेजर मशीन दो प्रकार के होते हैं : CO2 (Carbon Dioxide) लेजर और फ़ाइबर लेजर । CO2 लेजर और फ़ाइबर लेजर के फिर दो प्रकार होते हैं : कटिंग के लिए और एन्ग्रेविंग के लिए । एन्ग्रेविंग में मटीरीअल की ऊपरी सतह से कुछ मटीरीअल निकाल लिया जाता हैं जबकी कटिंग में मटीरीअल पूरी तरह से कट जाता हैं । निम्न तालिका में यह दिखाया गया हैं की CO2 लेजर से कटिंग और एन्ग्रेविंग करने के लिए कौन से मटीरीअल अनुकूल हैं :
मटीरीअल | लेजर एन्ग्रेविंग | लेजर कटिंग |
---|---|---|
एल्यूमिनियम | No | No |
स्टेनलेस स्टील | No | No |
काँच (Glass) | Yes | No |
सिरेमिक | Yes | No |
पोर्सलिन (Porcelain) | Yes | No |
पत्थर के टाइल्स (Stone Tiles) | Yes | No |
स्लैट (Slate) | Yes | No |
मार्बल (Marble) | Yes | No |
ग्रेनाइट | Yes | No |
पॉलीप्रॉपीलीन (Polypropylene) | Yes | Yes |
हाई डेनसिटी पॉलीएथलीन (High-density Polyethylene) | Yes | Yes |
डेलरिन (Delrin) | Yes | Yes |
एक्रिलिक (Acrylic) | Yes | Yes |
कॉटन (Cotton) | Yes | Yes |
फेल्ट (Felt) | Yes | Yes |
लेदर (Leather) | Yes | Yes |
पेपर (Paper) | Yes | Yes |
कार्डबोर्ड (Cardboard) | Yes | Yes |
कॉर्क (Cork) | Yes | Yes |
प्लाईवुड (Plywood) | Yes | Yes |
लकड़ी (Wood) | Yes | Yes |
चूँकि इस बिजनेस में प्रॉडक्टस का भिन्न और नूतन होना जरूरी हैं इसलिए हमारी राय में हर मटीरीअल के अनुकूल कटिंग और एन्ग्रेविंग मशीन लेनी चाहिए । हालाँकि ऊपर दी गई तालिका से यह स्पष्ट हो जाता हैं की सभी मटेरियल्स के अनुकूल हों ऐसी एक मशीन नहीं हैं । मेटल्स के लिए आपको फ़ाइबर लेजर मशीन अलग से लेनी होगी । यानि की एक CO2 लेजर और एक फ़ाइबर लेजर मशीन ऐसे कुल दो मशीनें खरीदनी होगी।
मशीन के चयन में वर्किंग एरिया की साइज़ और पावर यह दो महत्वपूर्ण स्पेसिफिकैशन होंगे । बेड साइज़ पर ध्यान न दीजिएगा क्योंकी उतनी बड़ी शीट या लकड़ी पर मशीन काम नहीं करेगी । वर्किंग एरिया जितना होता हैं उतने दायरे में ही मशीन के लेजर हेड की मूवमेंट होती हैं । मतलब साफ हैं : 2 फुट बाय 3 फुट साइज़ की मशीन पर आप जो जॉब कर पाएंगे वह 2 x 3 फुट से 2-3 इंच दोनों ओर से कम ही रहेगा ।
पावर ज्यादा का मतलब हैं ज्यादा मोटा जॉब आप काट सकेंगे । सामान्यतया , 10 mm लकड़ी / MDF board और 6 mm तक प्लास्टिक्स काटने और एन्ग्रेव करने के किए 80 वाट से 100 वाट की लेजर ट्यूब होनी चाहिए । यहाँ भी ध्यान रखने वाली बात यह हैं की मशीन की कुल वाट पावर 80 या 100 होगी तो लेजर ट्यूब की वाट पावर और भी कम होगी । इसलिए लेजर ट्यूब की वाट पावर देख कर ही निर्णय लीजिएगा ।
हमारी राय में 130 वाट से कम पावर वाली मशीन नहीं लेनी चाहिए ।
चीनी मशीनें ना लें । इन मशीनों के निर्माता एवं उनके भारतीय विक्रेता भाईओं पर भरोसा नहीं किया जा सकता । मशीन का सॉफ्टवेयर अपडेट करने की बात आएगी तो क्या पता अतिरिक्त रुपयों की माँग रख दें । यह भी हो सकता हैं की मशीन बिक जाने के बाद जब आप सर्विस के लिए कॉल करेंगे तो महीनों तक जवाब ही नहीं आएगा । यूट्यूब पर इनके सारे कारनामे कुछ फँसे हुए ग्राहकों ने साझा किए हैं । अतएव आप अपना होम वर्क पक्का करके ही इनसे डीलिंग करें । मेरी राय में इनसे डीलिंग ना ही करें तो अच्छा रहेगा ।
मुंबई और दक्षिण के मशीन निर्माताओं पर भरोसा किया जा सकता हैं , परंतु फिर भी उनसे यह जानकारी लेना बहुत आवश्यक हैं की उनकी मशीन के कौनसे पार्ट चीनी बनावट के हैं । अमरीकी या जर्मन बनावट के पार्ट जो निर्माता इस्तेमाल कर रहे होंगे उनसे मशीन खरीदना सही रहेगा । सस्ते के चक्कर में कहीं ऐसा ना हों की आप फँस जाएं ।
मशीनों के अलावा और किन चीजों की आवश्यकता रहेगी ?
- नए नए डिज़ाईन बनाने हेतू एक अच्छे ग्राफिक्स कार्ड वाला एवं बड़े स्क्रीन वाला कंप्युटर ।
- कोरल ड्रॉ , इंक स्केप , एडोबे इलस्ट्रैटर जैसा कोई ग्राफिक्स डिज़ाईन सॉफ्टवेयर ( इंक स्केप लाइसेन्स फ्री है ) ।
- कुछ छोटे औज़ार ( पेचकस, कैंची, आदी )।
- पावरफूल एगजॉस्ट फैन ।
- फ़िनीश्ड गुड्ज़ और रॉ मटेरियल्स स्टोर करने के लिए रैक ।
- ऑफिस और कॉनफेरेंस रूम के लिए आवश्यक फर्निचर
पंजीकरण एवं लाइसेन्स प्राप्त करें
- शुरुआती दौर में बिजनेस को एकल स्वामित्व वाली फर्म (proprietorship firm) रखते हुए GST पंजीकरण करवाएं । उचित लगे तो अपनी पत्नी के साथ partnership firm भी बना सकते हैं । इसमें आप चार्टर्ड अकाउन्टन्ट की सहायता ले सकते हैं । शुरुआत में ही GST पंजीकरण अनिवार्य तो नहीं हैं परन्तु पंजीकृत होने के फायदे ज्यादा हैं । एकल स्वामित्व वाली फर्म के लिए आपका पर्सनल PAN कार्ड पर्याप्त हैं । परन्तु partnership firm के लिए फर्म के नाम का अलग से एक PAN कार्ड बनवाना होगा ।
- भारत में इस बिजनेस को करने के लिए किसी लाइसेन्स की आवश्यकता नहीं हैं ।
- उद्यम रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं हैं । परन्तु इसे करना चाहिए । यह मुफ़्त में आप स्वयं ही ऑनलाइन कर सकते हैं । उद्यम रजिस्ट्रेशन हेतु इस लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं ।
यह भी पढ़ें : शीर्ष 10 गलतियाँ जो उद्यमीं करतें हैं
कर्मचारिओं की नीयुक्ती करें
यह श्रमप्रधान बिजनेस नहीं हैं । इसलिए इस में ज्यादा कर्मचारिओं की आवश्यकता नहीं रहेगी ।
- एक पूर्णकालिक श्रमिक जो कम से कम 12 वी तक पढ़ा हों या फिटर ट्रैड में आईटीआई किया हों ।
- एक पूर्णकालिक महिला क्लर्क जो कंप्युटर काम से भलीभांति परिचित हों ।
- एक पूर्णकालिक हेल्पर ।
- दो फ्रीलांस ग्राफिक डिजाइनर ।
- एक फ्रीलांस सोशल मीडिया मार्केटिंग विशेषज्ञ ।
अपने बिजनेस की वेबसाईट बनवाएं
आपके बिजनेस की मार्केट में दृश्यमानता (market visibility) होनी चाहिए । इसलिए एक वर्ल्ड क्लास ई-कॉमर्स वेबसाईट बनवाना अत्यधिक आवश्यक हैं ।
आज कल ग्राहक ऑनलाइन सर्च ज्यादा करतें हैं । बिजनेस का ब्रांडिंग करने में वेबसाइट की भूमिका अहम होती हैं । इसके अलावा वेबसाईट के जरिए अपनी विशेषज्ञता संभावित ग्राहकों तक पहुँचाने में आसानी होती हैं और अपने बिजनेस की विश्वसनीयता में धीरे धीरे बढ़ोतरी भी होती हैं ।
वेबसाईट का उद्देश्य केवल अपने बिजनेस और प्रॉडक्टस के बारे में उपयुक्त जानकारी जारी करना नहीं हैं , संभावित ग्राहकों के साथ रिश्ता बनाना भी हैं । उनकी आवश्यकताओं के बारे में जानना हैं । यह जानकारी उनके अनुकूल प्रॉडक्टस बनाने में बहुत मददगार साबित हो सकती हैं । जो बिजनेस अपने ग्राहकों को अच्छी तरह से जानता हैं वह बिजनेस उन्हें अधिक वैल्यू दे सकता हैं ।
वेबसाईट विश्वस्तरीय इसलिए होनी चाहिए होगी क्योंकी यह आपके बिजनेस की बहुत अच्छी छवि बनाने में मददगार रहेगी । आर्ट और गिफ्ट आइटम पूरी दुनियाँ में बेचना जो हैं । अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ऐसे प्रॉडक्ट बहुत अधिक प्रॉफ़िट कमा कर देते हैं ।
एक पृष्ठ की वेबसाईट बनाने से काम नहीं चलेगा ! कोई लाभ न होगा । याद रहें की आपका यह बिजनेस इन “भावनाओं” को बनाने – बेचने का हैं :
- नूतनता (Newness)
- अनोखापन (Exquisiteness)
- विशिष्टता (Uniqueness)
- भिन्नता (Distinctness)
तो क्या आपके बिजनेस वेबसाईट में यह संवेदनाएं नहीं झलकनी चाहिए ? बिल्कुल झलकनी चाहिए । यह भी तो ब्रांडिंग का एक पहलू हैं । चूँकि यह लेख सुंदर , कलात्मक और मनमोहक चीजों के विषय में हैं तो हम भी संवेदनशीलता का प्रदर्शन करते हुए इस लेख के ग्राफिक्स को अधिक सुंदर बनाने का प्रयास कर रहें हैं !
ऐसी सोच के चलते आपकों एक सुन्दर और कई पृष्ठों वाली वेबसाईट बनवानी होगी । आपके सारे प्रॉडक्टस की नुमाईश साइट पर करनी होगी ताकि ग्राहकों कों आपके प्रॉडक्टस के बारे में सारी जानकारी उपलब्ध हों ।
इसी वेबसाईट से आपकों लेजर गिफ्ट और आर्ट आइटम बेचने होंगे । इसके लिए साइट पर पेमेंट प्राप्त करने की व्यवस्था भी करनी पड़ेगी । इसके लिए RazorPay, PayU, PayTM जैसे किसी पेमेंट गेटवे (Gateway) कों साइट के साथ integrate करना पड़ेगा । यानि की आपको एक इकॉमर्स वेबसाईट बनवानी पड़ेगी।
इन दो साइट से हम प्रभावित हुए क्योंकि इनकी डिजाइन बहुत अधिक सुन्दर , प्रभावी और ग्राहक हितैषी (customer friendly) हैं । इनका अध्ययन एवं विश्लेषण करें ।
लेजर मशीन से गिफ्ट और आर्ट आइटम बनाना शुरू करें
मार्केट रिसर्च से पता चल गया होगा की इस बिजनेस में बाजार में फिलहाल कौनसे प्रॉडक्ट बनाए – बेचे जा रहें हैं । आपने वे प्रॉडक्ट नहीं बनाने हैं – उनसे भिन्न और अच्छे बनाने होंगे । भिन्नता डिजाइन में हों सकती हैं । मटेरियल्स में , रंग में या आकार में हो सकती हैं । थीम में भी भिन्नता हो सकती हैं । उनकी कॉपी या duplicate बनाने से फायदा कम और नुकसान ज्यादा होगा । भिन्नता की वजह से प्राइस कि सीधी तुलना नहीं हो सकती इसलिए प्राइस ज्यादा रहेगी तो भी कस्टमर को आपत्ति न होगी । इस प्रॉडक्ट केटेगरी में भिन्नता के लिए अधिक पैसे देना यह कस्टमर का स्वभाव होता हैं ।
डिजाइन कहाँ से प्राप्त करेंगे ?
सबसे अधिक डिजाइन समृद्धि Pinterest पर देखने को मिलती हैं । यह एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हैं जहाँ आपको फ्री में ढेर सारे डिजाइन आइडियाज मिल जाएंगे । न केवल डिजाइन आइडियाज बल्कि लेजर कटिंग एवं एन्ग्रेविंग करने ले लिए उपयुक्त file भी मिल जाएंगे । उनसे प्रेरणा ले कर variations बनाए जा सकते हैं । ग्राहकों की आवश्यकता क्या हो सकती हैं इस का आकलन कर के उन डिजाइन आइडियाज में प्रभावी बदलाव किए जा सकते हैं । यहाँ फ्रीलांस ग्राफिक डिजाइनर की सेवा काम आएगी ।
बतौर उद्यमी प्रॉडक्ट डिजाइन आइडियाज के बारे में सोचना और उन्हें खोजना यह जिम्मेदारी आपकी रहेगी । उन आइडियाज़ को develop करना और आपके निर्देशन में फाइनल करना यह ग्राफिक डिजाइनर का काम होगा।
शुरुआती दौर में 25-50 प्रॉडक्ट प्रत्येक केटेगरी के 3-3 पीस बनाएं । बेहतरीन प्रॉडक्ट फोटोग्राफी करवाएं । अपनी वेबसाईट पर डालें । शुरुआती दौर में ही पता चल जाना चाहिए की किन प्रॉडक्टस में ग्राहकों की रुचि सबसे ज्यादा हैं और कौन से प्रॉडक्टस उन्हें पसंद नहीं आ रहें हैं । फेल हुए प्रॉडक्टस को भूल जाइए और स्टार प्रॉडक्टस पर सारा ध्यान केंद्रित करें । 25-30 प्रॉडक्ट आइडियाज हमेशा रेडी रखें ।
मार्केटिंग स्ट्रैटिजी बनाएं और उसे क्रयान्वित करें
मार्केटिंग किसी भी बिजनेस का एक अहम पहलू होता हैं । मार्केटिंग ना केवल संभावित ग्राहकों को अपनी सेवाओं के बारे में बताता हैं बल्कि अपना ब्रांड बनाने में भी मदद करता हैं ।
मार्केटिंग प्लान में कौन सी चीजें शामिल होंगी ?
इसमे एक आकर्षक , सरल और ग्राहक हितैषी डिजाइन वाली इकॉमर्स वेबसाईट होगी । Instagram, LinkedIn और Pinterest पर business pages बनाने होंगे । Google और Facebook पर विज्ञापन की स्ट्रैटिजी बनानी होगी ।
वेबसाईट पर और सोशल मीडिया के बिजनेस पेजेस के माध्यम से अपने प्रॉडक्टस का portfolio, हाई क्वालिटी तस्वीरें, ग्राहकों के रिव्यूज , और प्रेरित करने वाली उपयुक्त जानकारी संभावित ग्राहकों तक पहुँचाए । इससे होगा यह की उनकी आप से संपर्क करने की संभावना बढ़ जाएगी ।
सोशल मीडिया से संभावित ग्राहक आपकी वेबसाईट पर आएंगे । वहाँ पर वे आपके प्रॉडक्टस और बिजनेस के बारे में और अधिक जान पाएंगे । इन चीजों से आपके बिज़नेस की विश्वसनीयता बनेगी । जैसे हर बिजनेस में होता हैं वैसे इस बिजनेस में भी विश्वास पाना और उसे बनाए रखना अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं ।
Amazon , Flipkart, और Etsy जैसे अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी बतौर seller रजिस्ट्रेशन करें और वहाँ से भी sell निकालने के गंभीर प्रयास करें ।
पारंपरिक होलसेलर और रिटेलर के माध्यम से अपने प्रॉडक्ट न बेचें , वे नया प्रॉडक्ट बेचने की मेहनत नहीं करते । जिस में उन्हें कम से कम मेहनत में ज्यादा प्रॉफ़िट मिलता हैं वही प्रॉडक्ट बेचने में उनकी रुचि रहती हैं ।
भारत के सारे बड़े पर्यटन स्थलों के निकट जो अच्छी बड़ी गिफ्ट और आर्ट आइटम की दुकाने हैं उनसे आपके प्रॉडक्टस बेचने के लिए व्यावसायिक संबंध बनाएं । वहाँ विदेशी कस्टमर मिल जाएंगे । वेबसाईट से विदेशी लोग आपके प्रॉडक्ट ऑनलाइन खरीद सकें ऐसी व्यवस्था भी करनी होगी ।
एक संतुष्ट ग्राहक किसी भी बिजनेस का सबसे प्रभावी विज्ञापन होता हैं । इसलिए ग्राहकों को संतुष्ट करने पर अधिक जोर देना होगा ।
लेजर गिफ्ट और आर्ट आइटम के बिजनेस के लिए कुल निवेश
इस बिजनेस के लिए शुरुआती आवश्यक निवेश कुल निवेश 4 लाख 40 हजार रुपए करना होगा । निवेश की रकम का तपसीलवार ब्योरा निम्न तालिका में दिया हैं :
आइटम | संख्या | निवेश (Rs ) |
---|---|---|
फाइबर लेजर मशीन | 1 | 1,00,000 |
CO2 लेजर मशीन | 1 | 1,50,000 |
पर्सनल कंप्युटर | 1 | 50,000 |
विभिन्न औज़ार | 1 सेट | 5,000 |
स्टोरेज रैक | 2 | 30,000 |
फर्निचर | 1 सेट | 30,000 |
मशीन के लिए एल्युमिनियम और काँच की कैबिन | 1 | 70,000 |
पावरफूल एगजॉस्ट फैन | 1 | 8,000 |
E Commerce वेबसाईट | 1 | 30,000 |
सोशल मीडिया पेज | 3 | 12,000 |
प्री-आपरेटिव खर्च | 25,000 | |
कुल निवेश (Rs) | 5,10,000 |
लेजर गिफ्ट और आर्ट आइटम के बिजनेस से लाभ
यदि पेशेवर तरीके से किया जाए तो शुरुआत में इस बिजनेस से 80 से 90 हजार रुपए प्रति माह तक आसानी से कमाएं जा सकते हैं। इससे कहीं अधिक लाभ कमाने की अपार संभावनाएं इस बिजनेस में हैं यदि इसका विस्तार किया जाए।
लेजर गिफ्ट और आर्ट आइटम के बिजनेस में जोखिम
जोखिम लिए बगैर कोई बिजनेस नहीं किया जा सकता। जितना अधिक जोखिम उतनी ज्यादा कमाई की संभावना ऐसा सीधा फार्मूला हैं।
वैसे इस बिजनेस में जोखिम अपेक्षाकृत कम ही हैं क्यों की प्लांट एवं मशीनरी में निवेश कम हैं ।
प्रॉडक्ट की मैन्युफेक्चरिंग क्वालिटी , प्राइस पॉइंट, आकर्षक और अनोखे डिजाइन , कलात्मकता का ऊंचा स्तर , और प्रभावी मार्केटिंग रणनीति के दम पर जोखिम पर विजय प्राप्त की जा सकती हैं। धैर्य से काम करने से परिणाम प्राप्ति की संभावना अत्यधिक बढ़ जाती हैं।
यह बिजनेस करने वाले बहुत मिलेंगे परन्तु पेशेवर तरीके से इस व्यवसाय को करने वाले कम ही लोग होंगे। अधिकतर लोग इसे गृह उद्योग समझ कर गैर पेशेवर तरीके से करतें और उनकी सोच केवल छोटीसी अतिरिक्त आमदनी करने तक ही सीमित होती हैं। इसलिए इन पर विजय पाने में दिक्कतें नहीं होंगी।
यह भी पढ़ें : लकड़ी के आइसक्रीम चम्मच बनाने का बिजनेस प्लान
निष्कर्ष
कम निवेश में बहुत अधिक प्रॉफ़िट देने वाले इस बिजनेस में सफलता केवल प्रॉडक्ट का अनोखापन , विशिष्टता , भिन्नता , और नूतनता के दम पर ही पाईं जा सकती हैं । यह बिजनेस डिजाइन और मार्केटिंग रणनीति के इर्दगिर्द घूमता हैं । इसलिए इस में रचनात्मकता , कल्पनाशीलता , और इनोवेशन का अत्यधिक महत्व रहना स्वाभाविक हैं । लेजर गिफ्ट और आर्ट आइटम का मार्केट बहुत विशाल हैं । यह प्रॉडक्ट सारी दुनिया में ऑनलाइन बेचे जा सकते हैं इसलिए यह कहना गलत न होगा की इसमें मोटा प्रॉफ़िट कमाने की असीम संभावनाएं हैं।
हमारे अन्य लेख भी पढ़ें :
- आइसक्रीम कोन बनाने का बिजनेस कैसे करें ?
- वेडिंग प्लानिंग बिजनेस कैसे शुरू करें ?
- बिजनेस का उद्देश्य क्या हैं ?
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न | FAQs
Q: लेजर गिफ्ट और आर्ट आइटम का बिजनेस क्या हैं ?
इस बिजनेस में लेजर मशीन से विभिन्न प्रकार के मटीरीअल से कटिंग और एन्ग्रेविंग कर के कलात्मक प्रॉडक्टस (गिफ्ट और आर्ट आइटम) बनाएं जाते हैं ।
Q: क्या लेजर गिफ्ट और आर्ट आइटम का बिजनेस बिना किसी कॉलेज डिग्री के किया जा सकता हैं ?
इस बिजनेस के लिए विशेषज्ञ होना या डिग्रीधारक होना आवश्यक नहीं हैं। केवल रचनात्मकता , कल्पनाशीलता और इनोवेशन ही ऐसे गुण हैं जिसके बलबूते पर यह बिजनेस किया जा सकता हैं ।
Q: क्या लेजर गिफ्ट और आर्ट आइटम का बिजनेस लाभदायक हैं ?
4-5 लाख रुपए के कुल निवेश पर यदि कोई बिजनेस प्रतिमाह 80 से 90 हजार रुपए का प्रॉफ़िट देता हों तो उसे लाभदायक ही कहा जाना चाहिए ।
Q: लेजर गिफ्ट और आर्ट आइटम का बिजनेस कितने कुल निवेश से शुरू किया जा सकता हैं ?
यह बिजनेस कुल शुरुआती निवेश रुपए 4 से 5 लाख से किया जा सकता हैं ।