स्टेन्सिल बनाने का व्यापार कैसे शुरू करें? | How to Start Stencil Manufacturing Business in Hindi
घर हो या ऑफिस , हर कोई चाहता हैं की दीवारें कलात्मक दिखें । दीवारों की सजावट के लिए कईं विकल्प मौजूद हैं जैसे की सजावटी चीजें दीवार पर टाँगना , आकर्षक पेंटिंग्स टाँगना, वॉल पेपर चिपकाना, स्टेन्सिल (stencil) से डिज़ाईन बनाना और हैन्ड पेंटिंग करना ।
वॉल पेपर में यह ज़रूरी हो जाता हैं की पेपर फर्श से छत तक और दीवार के एक छोर से दूसरे छोर तक चिपकाया जाए यानि की पूरी दीवार कों कवर कीया जाए (all over) । दीवारों कों हैन्ड पेंटिंग द्वारा सजाने के लिए एक तो मेहनत भी ज्यादा लगती हैं और कुशल चित्रकार की ज़रूरत होती हैं । दीवारों पर सजावटी चीजें या अच्छी क्वालिटी की पेंटिंग्स न केवल महंगी होती हैं बल्कि उन्हे टाँगने के लिए दीवारों में छेद भी करने पड़तें हैं । इन चीजों कों हटाने पर छेद दिखाई देते हैं जिस से दीवारें सुन्दर नहीं दिखती।
इन सभी विकल्पों में सबसे आसान, किफायती और सुविधाजनक विकल्प हैं स्टेन्सिल से दीवारों पर डिज़ाईन बनाना । बीतें कुछ वर्षों में स्टेन्सिल से दीवार पर डिज़ाईन बनाने के रुझान में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई हैं । आज-कल लोग कम से कम एक दीवार (एकसेन्ट वॉल, Accent Wall) पर स्टेन्सिल वाली पेंटिंग करवाना चाहते हैं । ऐसे में स्टेन्सिल बनाने का व्यापार एक मोटा लाभ कमाने का अच्छा अवसर हैं ।
आइए जानते हैं विस्तार से इस बिज़नेस के बारे में।
स्टेन्सिल व्यापार की पृष्ठभूमि Background of Stencil Manufacturing Business
स्टेन्सिल क्या होती हैं ? What are Stencils?
स्टेन्सिल प्लास्टिक की पतली एवं लचीली शीट का सपाट टुकड़ा होता है जिस के वो सारे हिस्से काट कर निकाल लिए जातें हैं जो की दीवार पर डिज़ाईन के रूप में चाहिए होतें हैं । ये हिस्से विभिन्न आकार एवं साइज़ के हो सकतें हैं ।
स्टेन्सिल से डिज़ाईन कैसे बनाते हैं? How are Wall Stencils Used?
स्टेन्सिल से डिज़ाईन बनाना आसान हैं और इसमें ज्यादा कौशल की ज़रूरत नहीं पड़ती ।
दीवार पर जहाँ डिज़ाईन बनानी होती हैं वहाँ स्टेन्सिल कों पेंटर इस्तेमाल करते हैं उस ABRO टेप से अच्छी तरह चिपका देते हैं । स्टेन्सिल के ऊपर से पेंट रोलर जिसमें इच्छित रंग लगा हो वह घूमा देते हैं । इससे होता यह की डिज़ाईन वाले हिस्सों के अलावा सारे हिस्से स्टेन्सिल से ढक जाते हैं और वहाँ पेंट नहीं लगता । डिज़ाईन जहां-जहाँ चाहिए होती हैं केवल वहीँ पेंट लगता हैं ।
इस तरह पूरी दीवार कों (all over) या किसी विशेष हिस्से कों कलात्मक बनाया जाता है ।
स्टेन्सिल बनाने में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल Raw materials required for manufacturing stencils
दीवारों पर डिज़ाईन बनाने हेतू इस्तेमाल होने वाली स्टेंसिलें पीवीसी (Polyvinyl Chloride), पॉलिस्टर , पीईटी (Polyethylene Terapthelet) इन पॉलिमर्स (प्लास्टिक्स) से बनती हैं ।
निर्माताओं द्वारा पीवीसी कों ज्यादा पसंद कीया जाता है क्यों की इसकी कीमत कम होती हैं। परन्तु मजबूती के दृष्टिकोण से देखा जाए तो पॉलिस्टर बेहतर है ।
दीवारों की स्टेंसिलें (wall stencils) मज़बूत होनी चाहिए ताकि बार-बार इस्तेमाल (reusable) हो सकें । साथ ही पतली भी होनी चाहिए ताकि डिजाइन की सारी बाहरी रेखाएं (edges) करारी (sharp) बनें ।
घुमावदार सतहों के लिए अधिक पतली (0.1 mm) स्टेंसिलें ज्यादा उपयुक्त होतीं हैं क्योंकि वो सतह के अनुसार अच्छे से घूम सकती हैं
स्टेन्सिल किन साइज़ों में बनतें हैं? What are the Various Stencil Sizes?
इनकी मोटाई 0.1 mm से लेकर 0.3 mm तक होतीं हैं ।
बाज़ार में विभिन्न साइजों में मिलती हैं : बड़ी स्टेंसिलें 14 बाई 25.5 इंच , मध्यम आकार की 10 बाई 17.5 इंच और छोटी स्टेंसिलें 9 बाई 14 इंच की होतीं हैं । यह स्टेन्सिल का बाहरी साइज़ हुआ । अंदरूनी साइज़ डिज़ाईन के अनुसार बदलती रहती हैं।
इस उद्योग में साइज़ कों लेकर कोई मानक निर्धारित नहीं कीये गए है । अतः मार्केट ट्रेंड के हिसाब से साइज़ निर्धारित करनी होगी ।
कस्टम मेड (custom made) स्टेन्सिल ग्राहक की ज़रूरत के हिसाब से बनाई जाती हैं ।
स्टेन्सिल कितने प्रकार के होतें हैं? What are the Different Stencil Types?
डिज़ाईन के विषय के अनुसार स्टेन्सिल के विभिन्न प्रकार हो सकतें हैं.
- वनस्पति एवं जीव (flora and fauna) जैसी प्राकृतिक चीजें
- बॉर्डर पैटर्न (border pattern)
- ज्यामितिक (geometric)
- थीम (theme)
- पारंपरिक कलात्मक आकृतियाँ (ethnic)
- मण्डल (mandala)
- विदेशी थीम जैसे दमास्क पैटर्न (damask), मोरक्को (Moroccan) पैटर्न
- देवी-देवताओं एवं संत-महात्माओं की आकृतियाँ जैसे की गणेशजी, भगवान गौतम बुद्ध वगैरह
- बच्चों के कमरे के लिए उपयुक्त
मार्केट परिदृश्य Market Analysis
किसी भी बीज़नेस कों शुरू करने से पहले मार्केट रिसर्च करनी चाहिए । मार्केट रिसर्च से इस बिज़नेस / प्रोडक्ट से जुड़े कई पहलुओं की बेहतर जानकारी मिलती है । मार्केट रिसर्च के निष्कर्षों कों ध्यान में रख कर अपनी बिज़नेस रणनीति तय करनी होती हैं ।
हमारी सीमित मार्केट रिसर्च के अनुसार कुछ पहलुओं के बारे में यह जानकारी मिली हैं :
स्टेन्सिल बनाने वाली कंपनियाँ Stencil Manufacturers
डिज़ाईन ईन (Design In) , डेकोर्ज़ (Decorez) , कायरा (Kayra) , डेकरोनिक्स (Decronics) , विल्सन (Willson) , स्वैगस्टेशन (Swagstation), ईवाना (Evana) , वाई एम एस , एशियन पेंट्स , Artsy Craftsy वगैरह कुछ कंपनियाँ हैं जो स्टेन्सिल बना रही हैं ।
मार्केटिंग Marketing
स्टेन्सिल मैन्युफेक्चरिंग बिज़नेस में अधिकतर कंपनियाँ अपनी स्टेन्सिलें Flipkart ,Amazon, Snapdeal जैसे मार्केट प्लेस के ज़रिये ऑनलाइन बेच रही हैं । कुछेक कंपनियाँ ऑनलाइन के अलावा पेन्ट की दुकानों से भी बेच रही हैं । पेन्ट की दुकाने इसे बेचने पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही हैं क्योंकि विभिन्न डिज़ाईन और सभी साईज़ स्टॉक में रखना मुश्किल हैं ।
Artsy Craftsy और एशियन पेंट्स जैसे कुछ उत्पादक अपनी खुद की वेबसाईट से ही बेचती हैं । एशियन पेंट्स की वेबसाईट पर स्टेन्सिल के रेट नहीं दिखाए जा रहें हैं और कुछ जानने के लिए पहले उनकी वेबसाइट पर फार्म भरना पड़ता हैं जो की रेट जानने के इच्छुक ग्राहकों के लिए मददगार नहीं हैं । कुल मिलाकर एशियन पेंट्स स्टेन्सिल बेचने के बारे में गंभीर नहीं हैं ऐसा लगता हैं ।
ऑनलाइन सर्च करते हैं तो सर्च रीज़ल्ट में सबसे ऊपर Amazon, Flipkart, Etsy और Indiamart के ही नाम आते हैं ।
बंगलुरु स्थित डेकोर्ज़ (Decorez) की सिवा किसी की अपनी Ecommerce वेबसाईट नहीं हैं । इनकी वेबसाईट बेहतरीन हैं, डिज़ाईन में भी बहुत विविधता हैं , ऑर्डर करने की प्रक्रिया बहुत सरल हैं , ग्राहकों के लिए उपयुक्त जानकारी भी हैं और इनके ग्राहकों के reviews भी बहुत अच्छे हैं। यह ब्रांड विदेशों में भी अपनी स्टेन्सिल ऑनलाइन बेच रहा हैं जहां दाम बहुत आकर्षक ( 30 से 125 डॉलर ) हैं !
कीमतें Price Range
रु 187 (16 बाई 24 इंच ) से लेकर रु 699 (22 बाई 34 इंच) तक की विशाल रेंज में बिक रही हैं । ज्यादातर रु 199 (ब्रांड डिज़ाईन ईन) में बिक रही हैं । ऊंचे दाम वाली श्रेणी में Decorez ब्रांड रु 476 से 699 तक बिक रहा हैं ।
ग्राहक Customer Profile
सिविल कान्ट्रैक्टर , पेंटर , आर्किटेक्ट , इन्टीरीअर डिजाइनर, पेंटिंग सेवा प्रदान करने वाली छोटी कंपनियाँ , आम आदमी ये वो ग्राहक है जो स्टेन्सिल खरीदते हैं । पेंटर एवं आम लोग कीमत के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं जबकि सिविल कान्ट्रैक्टर, आर्किटेक्ट और इन्टीरीअर डिजाइनर जैसे ग्राहक कीमत से ज्यादा डिज़ाईन की विशेषता कों तवज्जो देते हैं ।
ग्राहकों की शिकायतें Customer Grievances
- प्लास्टिक की घटिया क्वालिटी
- ऑर्डर से भिन्न डिज़ाईन/साईज़ प्राप्त हुआ
- तस्वीर में दिखाया है उससे भिन्न डिज़ाईन/साईज़ प्राप्त हुआ
- घटिया क्वालिटी की पैकिजींग
- डिलीवरी में विलंब
- पेंटिंग में दिक्कत
ये हैं ग्राहकों की कुछ मुख्य शिकायतें जिसमें से कुछ मटीरीअल से जुड़ी हैं , कुछ कंपनी की आकार्यक्षमता के बारे में तो कुछ लोजिस्टिक्स से संबंधित हैं ।
प्रतिस्पर्धी उत्पाद Competing Products
- वॉल पेपर का सीधा मुकाबला हैं स्टेन्सिल से । वॉल पेपर की तुलना में स्टेन्सिल ज्यादा किफायती हैं , गलती कों आसानी से सुधारने के मौके होतें हैं , डिज़ाईन में ज्यादा विविधता मिलती हैं , मनचाहे रंग इस्तेमाल कर सकते हैं और इन्हे मिटाना भी आसान होता हैं ।
- वॉल डेकोर प्रोडक्टस जैसे की कलात्मक चीजें एवं पेंटिंग के साथ भी स्टेन्सिल का मुकाबला हैं। यहाँ पर सस्ते दाम और डिज़ाईन विविधता की वजह से स्टेन्सिल आगे निकाल जाती हैं ।
- टेक्स्चर पैंट में समस्या यह है की एक तो इसके दाम ऊंचे हैं और टेक्स्चर बनवाने की पेंटर की मजदूरी भी बहुत अधिक होती हैं ।
प्रोडक्ट प्रमोशन Product Promotion
इस प्रोडक्ट की advertisement नहीं की जा रही हैं । सोशल मीडिया पर निर्माताओं द्वारा इस का प्रमोशन नहीं कीया जा रहा हैं और ना ही इस विषय कों लेकर ग्रुप्स एवं पेजेस हैं ।
नए ट्रेंड New Trends
पश्चिमी देशों में फर्श और फर्निचर पर कलात्मक डिज़ाईन बनाने हेतू स्टेन्सिल का इस्तेमाल बढ़ रहा हैं । अपने देश में छत कों कलात्मक बनाने के लिए POP और सजावटी लाइटिंग या / झूमर के अलावा और कोई विकल्प नहीं हैं । अतः उत्पादक छत सजावट में स्टेन्सिल पेंटिंग के प्रयोग की संभावना तलाश रहें हैं । यह पश्चिमी ट्रेंड देर-सवेर यहाँ भी आने के आसार बढ़ें हैं ।
इन पहलुओं पर गौर करने से प्रतीत होता हैं की यदि प्लास्टिक की पर्याप्त मोटाई एवं बढ़िया मटीरीअल क्वालिटी हों , कीमत रु 225 से 300 की रेंज में हों , पैकिजींग का स्टेंडर्ड बहुत ऊंचा हो , प्रातिस्पर्धीओं से भिन्न और लुभावने डिज़ाईन हों , फास्ट डेलीवेरी हों, यूजर फ़्रेंडली वेबसाईट हों , सोशल मीडिया एवं इंटरनेट पर मार्केटिंग की जाए तो इस मार्केट में पैंठ बनाई जा सकती हैं ।
स्टेन्सिल मैन्युफेक्चरिंग बिज़नेस की रणनीति के केंद्र में डिज़ाईन और इंटरनेट मार्केटिंग होने चाहिए । वॉल पेपर की कमजोरियों का फायदा उठाते हुए ऐसी डिज़ाईन बनानी चाहियें कि वॉल पेपर के मार्केट के कुछ हिस्से पर भी कब्जा जमाया जा सकता हैं ।
स्टेन्सिल बनाने के व्यापार का वित्तीय मूल्यांकन Financial Assessment of Stencil Manufacturing Business
अनुमानित पूंजी निवेश Capital Investment
नीचे दी गई तालिका के अनुसार स्टेन्सिल मैन्युफेक्चरिंग बिज़नेस में प्लांट एवं मशीनरी में रु 360000 तक का पूंजी निवेश हो सकता हैं । भवन या जगह किराये पर होंगे ऐसा मान कर यह निवेश आ रहा हैं ।
महिने का अनुमानित नियत खर्च Fixed Monthly Expenditure
बीज़नेस शरू करने के बाद कुछ खर्च ऐसे होतें हैं जो की उत्पादन / बिक्री शून्य (जैसे की लॉक डाऊन का समय ) हो तो भी वहन करने होतें हैं । ऐसे सारे खर्च के अनुमानित आँकड़े निम्न तालिका में दिए गए हैं ।
महिने का अनुमानित परिवर्तनीय खर्च Monthly Variable Expenditure
बिजनेस के वो सारे खर्च जो उत्पादन एवं बिक्री के साथ बढ़ते रहते हैं , इस तालिका में दिए गए हैं ।
महिने का अनुमानित कुल खर्च और कुल आय का लेखा-जोखा Statement of Monthly Total Expenditure and Revenue
महिने के दोनों खर्च – नियत एवं परिवर्तनीय – मिलकर कुल खर्च का आंकड़ा प्राप्त होता है । उधर बिक्री के कारण आय (लाभ नहीं) भी होती हैं । इन दोनों का लेखा-जोखा निम्न तालिका में दिया गया हैं ।
बिक्री के आँकड़े इस आधार पर हैं की 1 दिन में 150 स्टेन्सिल का उत्पादन एवं बिक्री होगी । लैज़र कटिंग मशीन से 150 स्टेनसिलें तो 2-3 घण्टों में ही बन जाती हैं , यानि की मशीन कपैसिटी की समस्या नहीं होगी । महत्वपूर्ण हैं की उतनी स्टेनकीलें बिक भी जानी चाहिए । मतलब साफ हैं: मार्केटिंग पर बहुत ज्यादा ज़ोर देना होगा ।
तालिका के अनुसार प्रतिदिन 150 के हिसाब से बिक्री हो जाने पर कुल आय रु 2,73,000 और कुल खर्च रु 1,63,433 होगा यानि की लाभ रु 1,10,000 के करीब होगा ।
लाभ एवं प्रतिफल का विवरण Statement of Monthly Return on investment
इस तालिका में 1 दिन की कितनी स्टेन्सिल बेचने से माह के अंत में सारे खर्च एवं आय की क्या स्थिति रहेगी इस का विवरण आँकड़ों के रूप में दिया गया हैं । लाल रंग का स्तम्भ Break Even संख्या दर्शाता हैं । यानि की प्रतिदिन 47-48 स्टेंसिलों की बिक्री होने पर “लाभ-हानी” दोनों ही नहीं होते । Break Even Point कों न्यूनतम समय में हाँसील करना यही हर बिज़नेस का प्रथम लक्ष्य होता हैं ।
तालिका से स्पष्ट होता है की प्रतिदिन 75 (माह में 1950) स्टेनसिलें बनाकर बेचने पर जो सालाना लाभ मिलता है उससे बिज़नेस में कीया हुआ सारा निवेश पुनः प्राप्त हो जाता हैं । यह है return on investment (ROI) । बिज़नेस जितना ज्यादा लाभकारी होगा उतना ही सालाना (ROI) ऊंचा होगा । अतः यह बिज़नेस बहुत ज्यादा लाभकारी हैं इसमें कोई शक नहीं हैं ।
यदि वास्तविक आँकड़े इस रिपोर्ट के आँकड़ों से ज्यादा होंगे ऐसा मान कर चलते हैं तो समझें की एक साल के बदले 2 साल में पूंजी निवेश कवर हो जाएगा । उस सूरत में भी यह बहुत अच्छा बिजनेस कहलाएगा क्योंकि अधिकांश लघु एवं सूक्ष्म बिजनेस 3 से 5 वर्ष के पहले अपना पूंजी निवेश पुनः प्राप्त नहीं करते । बड़े उद्योगों कों और ज्यादा समय लगता हैं ।
इस लाभप्रदता (Profitability) ग्राफ से पता चलता हैं की जैसे जैसे उत्पादन एवं बिक्री बढ़तें हैं वैसे वैसे लाभ और भी ज्यादा तेज़ी से बढ़ता हैं क्योंकि ज्यादा उत्पादन पर केवल परिवर्तनीय खर्च ही बढ़ता हैं , कुल खर्च नहीं । यह स्थिति 100% उत्पादन कपैसिटी हाँसील हो जाने तक जारी रहती हैं । तब कुल लाभ अपने अधिकतम स्तर पर स्थिर हो जाता हैं। इस के बाद लाभ और बढ़ाने हेतू नया निवेश मशीन में करना पड़ता हैं।
एक ही प्रकार के बिज़नेस में एक कंपनी ज्यादा लाभ कमाती हैं और दूसरी कंपनी बहुत कम लाभ कमाती हैं तो इसके पीछे अनेक कारणों में से एक हैं बिज़नेस पूर्ण उत्पादन क्षमता पर न चलाना ।
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स्टेन्सिल बनाने का व्यापार शुरू करने के बिज़नेस लिए आवश्यक पंजीकरण Stencil Manufacturing Business Various Registrations
स्टेन्सिल मैन्युफेक्चरिंग बिज़नेस सूक्ष्म उद्योग श्रेणी में आता हैं और इसे घर से भी कीया जा सकता हैं । इसमें श्रमिकों की जरूरत नहीं होती जिसकी वजह से ये और सरल हो जाता हैं ।
चूँ की यह श्रमप्रधान उद्योग नहीं हैं इसलिए महिलायें भी ये उद्योग कर सकती है।
इस बिज़नेस कों शरू करने के लिए 2 पंजीकरण करवाने होंगे । पहले तो मनचाहे नाम पर एकल स्वामित्व (sole proprietorship ) वाली फर्म बनानी होगी जिसके लिए आपकों चार्टर्ड अकाउन्टन्ट की सलाह लेनी होगी । साथ ही उद्योग का GST पंजीकरण करना होगा जिससे । इसके लिए भी आपकों चार्टर्ड अकाउन्टन्ट की सेवा की जरूरत होगी । सरकार के उद्यम MSME रजिस्ट्रेशन वेबसाईट पर जा कर वहाँ आवश्यक जानकारी भर कर उद्यम रजिस्ट्रेशन नंबर के लिए आवेदन स्वयं कर सकते हैं ।
मैन्युफेकचरिंग हेतू किन चीजों की आवश्यकता होगी?
- अच्छे ब्रांड की 80 से 100 वाट ट्यूब कपैसिटी वाली CO2लैज़र कट मशीन
- नए नए डिज़ाईन बनाने हेतू एक अच्छे ग्राफिक्स कार्ड वाला बड़े स्क्रीन वाला कंप्युटर.
- कोरल ड्रॉ , इंक स्केप , एडोबे इलस्ट्रैटर जैसा कोई ग्राफिक्स डिज़ाईन सॉफ्टवेयर ( इंक स्केप लाइसेन्स फ्री है )
- स्टेन्सिल पैक करने हेतू प्रिंटेड पैकिजींग पन्नियाँ
- कोरियर से भेजने हेतू पेपर ट्यूब से बने डिब्बे
- कुछ छोटे औज़ार ( पेचकस, कैंची, आदी )
- उत्पादन हेतू 10 फीट बाई 10 फीट या 100 वर्ग फुट जगह (इसी में ऑफिस भी बनाया जा सकता है )
हमने CO2 लेज़र कट मशीनों के निर्माताओं से और कुछ यूजर से फोन पर और ईमेल से जानकारी ली हैं जो एक स्पेसिफिकैशन तालिका में दे रहें हैं ।
Specifications | AM Laser | SIL | TRILOK |
---|---|---|---|
Manufacturer | AM Laser Technologies, Mumbai | Suresh Indu Lasers, Pvt Ltd Pune | Trilok Lasers Pvt Ltd, Pune |
Laser Type | CO2 | CO2 | CO2 |
Model No | 6090 | Accucut6090 | TIL6090 |
Working Area (mm x mm) | 600×900 | 600×900 | 600×900 |
Laser Tube Wattage (Watt) | 95 | 80 | 80 |
Location Accuracy (mm) | 0.01 | 0.01 | 0.01 |
Control System Make | Ruida | ||
Focus Lens & Mirror Make | Made in USA | ||
Lens & Mirror Replacement Cost (Rs) | 5000 | ||
CO2 Tube Length (mm) | 1200 | ||
CO2 Tube Service Life (Hrs) | 8000-10000 | 8000-10000 | |
CO2 Tube Replacement Cost (Rs) | 20000-25000 | 20000-25000 | 20000-25000 |
Supported File Types | PLT, CDR, AI, DWG, DXF, BMP, JPEG,TIFF, GIF, PCX | PLT, CDR, AI, DWG, DXF, BMP, JPEG,TIFF, GIF, PCX | |
Max Cutting Speed (mm/sec) | 300 | 500 | 300 |
Max Engraving Speed (mm/sec) | 600 | 1060 | 500 |
Water Chiller | CW5000 | CW3000 | |
Net Weight (Kg) | 325 | 250 | |
Gross Weight (Kg) | 375 | 300 | |
Free Service warranty (Months) | 12 | 12 | |
Price exclusive of GST (Rs) | 300000 | 300000 | 252000 |
Website | www.amlaser.in | www.silasers.com | www.triloklasers.com www.triloklasers.in |
मैन्युफेकचरिंग हेतू किन कच्चे मालों की आवश्यकता होगी? What are the Raw Materials required for Stencil Manufacturing?
0.2-0.3 mm मोटी polyester शीट के रोल उत्पादन कों ध्यान में रखते हुए उचित मात्रा में
इस मटीरीअल के लिए www.indiamart.com पर जा कर रिसर्च करें। Garware ब्रांड मशहूर हैं ।
www.tradeindia.com पर भी के निर्माताओं से, विक्रेताओं से संपर्क कर के जानकारी लें।
स्टेंसिल मैन्युफेकचरिंग कैसे करतें हैं? How are Wall Painting Stencils Manufactured?
चरणबद्ध तरीके से मैन्युफेकचरिंग इस तरह से होती हैं :
- कटिंग (cutting): उचित साईज़ एवं संख्या में प्लास्टिक रोल से टुकड़े (blanks) काटें जाते हैं
- सफाई (cleaning) : ब्लेंक की सतह पर से साफ सुथरे कपड़े से धूल , दाग-धब्बे हटायें जातें हैं ताकि लेज़र मशीन द्वारा प्रोफाइल कटिंग प्रक्रिया में बाधा न आयें ।
- लोडिंग (loading): ब्लेंक कों मशीन में निर्धारित जगह पर अच्छे से एलाइनमेंट (alignment ) कर के रखा जाता हैं ।
- ऑपरेटिंग (operation) : डिज़ाईन / सॉफ्टवेयर के हिसाब से मशीन इंटरफेस में सेटिंग के आँकड़े भरे जातें हैं और इसके बाद मशीन शरू कर दी जाती हैं ।
- अनलोडिंग (unloading): कटिंग समाप्त होने की सूचना मिलते ही blank एवं उसका स्क्रैप मशीन के बेड से हटा दिया जाता हैं ।
- इन्स्पेक्शन (inspection): स्टेन्सिल की अच्छे से जांच की जाती हैं की डिज़ाईन के अनुसार हैं या नहीं , कटिंग करारी (sharp edges) हैं या नहीं ।
- रैपिंग (wrapping) : कंपनी की ब्रांडिंग वाली आकर्षक प्लास्टिक पन्नी में स्टेन्सिल डाल दी जाती हैं ।
- आउटगोइंग स्टोरेज एरिया (storage area outgoing) : डिसपैच होने वाली सारी स्टेनसिलें एक नियत जगह पर रखी जाती हैं ।
- बिलिंग (invoicing) : बिल बनाया जाता हैं ।
- डिसपैच (dispatch) : ट्रांसपोर्ट या कोरियर में बुक कीया जाता हैं ।
प्रोसेस फ़्लो डायग्राम (process flow diagram) में देखिए
स्टेन्सिल मैन्युफेकचरिंग का बिज़नेस मॉडेल Stencil Manufacturing Business Model
प्रायः देखा जाता हैं की एक ही बिज़नेस एक से अधिक तरीकों से कीया जाता हैं । मूल उद्देश्य उत्पाद में भिन्नता पैदा करना होता हैं ताकि प्रतिस्पर्धियों के साथ सीधी तुलना होने से बचा जा सकें ।
मिसाल के तौर पर Aquaguard अपने सारे उत्पाद ग्राहकों कों सीधे ही बेचता हैं यानि की उनके और ग्राहकों के बिच कोई थोक या फुटकर (Retailer) विक्रेता नहीं होता (Direct Marketing)। Aquaguard के प्रतिस्पर्धी थोक और फुटकर (Retailer) विक्रेता के माध्यम से ग्राहकों तक पहुंचते हैं । एक ही बिज़नेस परन्तु दो अलग तरीकें ।
हिंदुस्तान लीवर का प्रतिस्पर्धी एमवे (Amway) ग्राहकों के ज़रिये ही अन्य नए ग्राहकों तक पहुँचता हैं यानि की मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) का रास्ता अपनाए हुए हैं । एक ही बिज़नेस दो अलग तरीकें।
जहाँ इन्डिगो एयरलाइन्स मोटा लाभ कमा रही हैं वहाँ हिंदुस्तान की दूसरी सारी एयरलाइन्स बिज़नेस में नुकसान कर रही हैं । इंडिगो के पास अपने हवाई जहाज़ ही नहीं हैं , सारे हवाई जहाज़ किराये पर लिए हुए हैं । फिर एक ही बिज़नेस दो अलग तरीकें।
बिजनेस करनें के तरीकें कों बिज़नेस मॉडेल ( Business Model ) कहतें हैं। एक ही प्रोडक्ट या सेवा बेचने के बिज़नेस के एक से ज्यादा बिजनेस मॉडेल हो सकतें हैं । बिज़नेस मॉडेल की भिन्नता की वजह से एक ही बिज़नेस में कुछ कंपनियाँ बहुत अधिक मुनाफा कमाती हैं , कुछ कम कमाती हैं और कुछ कंपनियाँ लॉस (नुकसान) में चलती हैं ।
तो प्रश्न यह हैं की स्टेन्सिल मैन्युफेकचरिंग का बिज़नेस मॉडेल कैसा होना चाहिए ? खास तौर पर नए उद्यमिओ के लिए ? क्योंकि नए उद्यमिओ के पास ज्यादा संसाधन नहीं होतें इसलिए वे मंझे हुए पुराने खिलाड़ियों (प्रतिस्पर्धी ) के सामने कमजोर साबित हो सकते हैं ।
मोटे तौर पर कह सकतें हैं की खर्च कम होने चाहियें ,आय (बिक्री से होने वाली ) ज्यादा होनी चाहियें , तेजी से परन्तु कम खर्च में ग्राहकों तक पहुंचना चाहियें ऐसा बिज़नेस मॉडेल होना चाहिए ।
स्टेन्सिल बिज़नेस रणनीति डिज़ाईन एवं किफायती मार्केटिंग के इर्दगिर्द घुमनी चाहिए । प्रतिस्पर्धियों से भिन्न, अधिक लुभावने और ग्राहकों की पसंद के डिज़ाईन बनाने चाहिए । चंद डिज़ाईन से काम नहीं चलेगा, ढेर सारे डिज़ाईन बनाने होंगे ।
शुरुआत मे ही कम समय में ज्यादा से ज्यादा भिन्न विषयों वाले डिज़ाईन, कम संख्या में मार्केट में डालने होंगे जिससे यह शीघ्रता से पता चल सकें की कौनसी वो डिज़ाईन हैं जिनको ग्राहकों द्वारा ज्यादा पसंद किये जा रहें हैं । ज्यादा चलने वाली डिज़ाइन्स का उत्पादन एवं मार्केटिंग बढ़ाना होगा ।
इस बिजनेस में डेड स्टॉक (Dead Stock) की आशंका बनी रहती हैं । प्रतिस्पर्धियों के स्टेन्सिल में जो कमियाँ ,समस्याएं हों वे अपने उत्पाद में ना हों इसका पहले से ही ध्यान रखना होगा । अच्छे डिजाइनर की सेवाएं लेनी होंगी । उत्पादन से अधिक ध्यान डिज़ाईन पर देना होगा ।
मार्केटिंग रणनीति की बात करें तो अपने स्टेन्सिल की मार्केट दृश्यमानता (market visibility) और फीचर्स (features) की जानकारी सुनिश्चित करनी होगी। यह काम वेबसाईट के ज़रिए बहुत कम समय एवं कम खर्च में हो सकता हैं ।
परन्तु एक पृष्ठ वाली (Single Page Website) से लाभ नहीं होगा। सोच ऐसी रखनी होगी की आपका बिज़नेस दीवारों कों सुन्दर बनाने का हैं और स्टेन्सिल की मैन्युफेकचरिंग इस राह में एक मुकाम मात्र हैं । ऐसी सोच के चलते आपकों एक सुन्दर और कई पृष्ठों वाली वेबसाईट बनवानी पड़ेगी । आपकी सारी स्टेन्सिल की नुमाईश साइट पर करनी होगी ताकि ग्राहकों कों आपके उत्पाद के बारे में सारी जानकारी उपलब्ध हों ।
इसी वेबसाईट से आपकों स्टेन्सिल बेचनी होगी जिसके लिए साइट पर पेमेंट प्राप्त करने की व्यवस्था भी करनी पड़ेगी । इसके लिए RazorPay, PayU, PayTM जैसे किसी पेमेंट गेट वे (Gateway) कों साइट में integrate करना पड़ेगा । यानि की आपको एक इकॉमर्स वेबसाईट बनवानी पड़ेगी।
इन दो साईटों से हम प्रभावित हुए क्योंकि इनकी डिज़ाईन बहुत अधिक सुन्दर , प्रभावी और ग्राहक हितैषी (customer friendly) हैं । इनका अध्ययन एवं विश्लेषण करें ।
साईट पर ग्राहक कैसे आएगा ? ग्राहकों कों वेबसाईट के बारे में कैसे पता चलेगा ?
सिविल contractor , पेंटर, इंटीरियर decorator , आम आदमी और महिलायें (कामकाजी एवं गृहिणियाँ ) सारे आपके ग्राहक होंगे । इन्हें वेबसाईट पर कैसे लाएंगे ?
डिजिटल मार्केटिंग के अंतर्गत गूगल एड्स (Google Ads) से विज्ञापन करके और सोशल मीडिया पर विज्ञापन करके ग्राहकों की भीड़ कों साईट पर लाया जा सकता हैं ।
कुछ निर्माताओं ने अपनी वेबसाईट केवल दृश्यमानता (visibility) के लिए ही बनाई हैं , बिक्री तो Amazon , Flipkart जैसे प्लेटफॉर्म से ही कर रहें हैं ।
इस उत्पाद के मार्केटिंग में डिजिटल मार्केटिंग और सोशल मीडिया मार्केटिंग की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी ।
एक्सपोर्ट के अवसर भी तलाशने होंगे क्योंकि विदेशों में ये बहुत अधिक कीमत पर बिक रहें हैं । अतः बहुत ज़्यादा मुनाफा कमाया जा सकता हैं । Etsy जैसी कलात्मक उत्पाद बेचने वाली वेबसाईट पर जा कर अधिक रिसर्च करना फायदेमंद रहेगा ।
पारंपरिक वितरण चैनल यानि कि होलसेलर-रिटेलर के माध्यम से बेचना ज्यादा लाभकारक नहीं रहेगा ऐसा हमारा मानना हैं क्योंकि इसमें कुछ समस्याएं हैं । स्टेन्सिल खरीदने के इच्छुक ग्राहक पेन्ट (रंग) की दुकान पर ही जातें हैं ।
दुकानदार के लिए स्टेन्सिल बेचना उतना सरल नहीं हैं जितना की पेन्ट बेचना । स्टेन्सिल के विभिन्न डिज़ाईन एवं विभिन्न साईज़ का स्टॉक रखना , फिर ग्राहकों कों उसमें से कई सारे स्टेन्सिल दिखाना, चयन के बाद वे सारे स्टेन्सिल समेटना और वापस उनकी जगह पर रख देना यह कुछ कुछ साड़ियाँ बेचने जैसा हैं जिसमें एक ग्राहक से निबटने के लिए सेल्समैन कों अपेक्षाकृत बहुत अधिक समय लगता हैं।
और तो और स्टेन्सिल कों बहुत सावधानी से हैन्डल करना पड़ता हैं क्योंकि ये नाज़ुक होती हैं । फिर यह भी तो हैं की एक ग्राहक का पेन्ट का बिल स्टेन्सिल के बिल के मुकाबले बहुत अधीक होता हैं । संक्षेप में दुकानदार कों स्टेन्सिल बेचने में प्रति घण्टा लाभ पेन्ट से मिलने वाले लाभ से बहुत कम मिलता हैं ।
इसलिए पेन्ट की दुकान स्टेन्सिल बेचते तो हैं परन्तु उस पर अधिक ध्यान नहीं देते । दुकान में स्टेन्सिल मिलतें हैं बस इतना ही ग्राहकों कों दिखाना चाहतें हैं । इक्का-दुक्का ग्राहक मांग ले तो कुछ स्टेन्सिल स्टॉक में होने चाहियें बस इतनी ही उनकी रुचि होती हैं ।
जानकारी के अन्य स्त्रोत Other Knowledge Resources
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- CO2 लेज़र कटिंग मशीन निर्माता द्वारा वीडियो : https://www.youtube.com/watch?v=64HbvZ-ALBA
- CO2 लेज़र कटिंग मशीन की निष्पक्ष जानकारी : https://www.youtube.comwatch?v=T721BSD3kfk
- CO2 लेज़र कटिंग मशीन से स्टेन्सिल काटने का विडिओ :https://www.youtube.com/watch?v=lcppiCpvxPo
स्टेन्सिल मैन्युफेकचरिंग बिज़नेस के गुण-दोष Pros and Cons of Stencil Manufacturing Business
गुण Pros | दोष Cons |
---|---|
कम पूंजी निवेश | कम लागत की वजह से प्रवेश के लिए कम अवरोध |
लागत के अनुपात में बहुत आकर्षक लाभ | डिज़ाईन एवं साईज़ में बहुत अधिक विविधता की अत्यधिक आवश्यकता |
बड़े-मध्यम-छोटे किसी भी पैमाने पर यह बिज़नेस कीया जा सकता हैं | सृजनशीलता (creativity) पर अत्यधिक निर्भरता |
घर से भी कीया जा सकता हैं | डेड स्टॉक की संभावना ज्यादा हैं |
कुशल श्रमिकों पर निर्भरता नहीं | अपारंपरिक बिज़नेस मॉडेल की आवश्यकता रहेगी |
सरल एवं तेज़ उत्पादन प्रक्रिया |
निष्कर्ष Conclusion
लेज़र मशीन से बनने वाले उत्पाद केवल हमारी सृजनशीलता से सीमित हैं । डिज़ाईन सृजनशीलता और इंटरनेट युग की डिजिटल मार्केटिंग इन दो कारकों का होशियारी से इस्तेमाल करते हुए इस बिज़नेस में बहुत मोटा लाभ कमाया जा सकता हैं । एक्सपोर्ट की भी संभावनाएं अच्छी हैं । कुशल श्रमिकों पर निर्भरता न होना और घर से भी यह बिज़नेस करने की संभावना के चलते यह बिजनेस बहुत अच्छा साबित हो सकता हैं ।
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अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1: क्या वॉल पेंटिंग स्टेन्सिल निर्माण का बिज़नेस नए उद्यमिओ के लिए अच्छा हैं ?
Ans : नए उद्यमिओ के लिए यह बिजनेस बहुत अधिक उपयुक्त हैं , क्योंकि यह बिज़नेस कम पूंजी निवेश के साथ शुरू करके मोटा लाभ कमाते हुए इसे बड़ा भी बना सकते हैं ।
Q2: इस बिजनेस के लिए कौनसी मशीन , कच्चा माल , मानव संसाधन लगेंगे ?
Ans : इस बिजनेस के लिए 80 से 100 वाट की CO2 लेज़र कट मशीन लगेगी । कच्चे माल में पॉलिस्टर की 0.3 mm मोटी शीट और पॅकिंग मटीरीअल लगेगा । यह श्रमप्रधान बिज़नेस नहीं हैं इसलिए कुशल श्रमिकों की बिल्कुल ही आवश्यकता नहीं होंगी । डिज़ाईन बनाने के लिए एक डिज़ाईनर और मशीन operate करने के लिए एक अकुशल मजदूर लगेगा।
Q3: क्या इस बिज़नेस में और विविधता की गुंजाईश हैं ?
Ans : हाँ हैं । इसी setup से छत (ceiling) कों कलात्मक बनाने के लिए स्टेन्सिल बना सकते हैं । इसके अलावा custom made स्टेन्सिल भी ग्राहकों के ऑर्डर के अनुसार बना कर दे सकते हैं । एक्सपोर्ट के अवसर भुना सकते हैं । यदि अन्य उत्पादों की बात करें तो engrave किए हुए कलात्मक और गिफ्ट उत्पाद बना सकते हैं । विविधता आपके सृजनशीलता (creativity) पर निर्भर करेगी । कलात्मक चीजों की बाज़ार भी बहुत बड़ी हैं ।