मार्बल मूर्ति बनाने का बिजनेस कैसे करें | Marble Murti Business Plan Idea
मार्बल मूर्ति बीजनेस कैसे करें, उत्पादन प्रक्रिया, निवेश, लाभ, लाइसेंस (Marble Murti Business Plan Hindi) (Process, Machines, Price, Investment, Profit, License)
हिंदुस्तान में देवी देवताओं की मूर्तियाँ बनाने का इतिहास उतना ही पुराना हैं जितना की मूर्तिपूजा का । हमारी धार्मिक परंपराओं में मूर्तिपूजा का विशेष महत्व होने के कारण मूर्तियाँ बनाने का कारोबार एक सदाबहार एवं लाभदायक कारोबार रहा हैं । नए उद्यमीओं को चाहिए की वे मार्बल मूर्ति बनाने का बिजनेस करने (Marble Murti Business) पर गंभीरता से सोचें । यहाँ हम इस विषय में उपयुक्त जानकारी साझा कर रहें हैं ।
मार्बल मूर्ति बिजनेस का मार्केट परिदृश्य | Market Analysis of Marble Murti Business
- माँग (Demand): मूर्तियों की मांग न केवल हिंदुस्तान में बल्कि विदेशों में भी बढ़ रही हैं । राजस्थान के जयपुर में देवी देवताओं की मूर्तियों का सबसे अधिक उत्पादन और विपणन होता हैं , जिसकी वजह वहाँ शिल्पकला (murti carving) के कुशल कारीगरों की प्रचुर उपलब्धता और मकराना मार्बल की खान से शहर की निकटता बताईं जाती हैं । इसके अलावा राजस्थान में रामगढ़ , अलवर और चित्तौड़गढ़ में भी बहुत बड़े पैमाने पर मार्बल मूर्तियों का उत्पादन होता हैं ।
- जाने-माने ब्रांडस (Famous Brands): मार्बल मूर्तियों के मार्केट में कुछ जाने-माने ब्रांडस हैं: प्रतिष्ठा (मुंबई), गोकुल (जयपुर), सुन्दर मूर्ति आर्ट (जयपुर), Le Royal (चेन्नई)
- मुख्य मण्डियाँ (Major Markets): मूर्तियों की बड़ी मण्डियों में जयपुर और दिल्ली शुमार हैं ।
- किमतें (Prices): मूर्तियों की कीमतें साइज़ , नक्काशी की बारीकियाँ (शिल्पकारी), कलात्मक रंग और मार्बल की क्वालिटी के अनुसार होती हैं। उदाहरण के लिए 3 फुट हनुमान की मकराना मार्बल की मूर्ति रु 45000/- की होती हैं । लक्ष्मी जी की 1 फुट मकराना मार्बल मूर्ति रु 25000/-, और राधा-कृष्ण 1.5 फुट की मूर्ति रु. 25000/- होती हैं।
सर्वाधिक बिकने वाली देवी देवताओं की मूर्तियाँ | Best-Selling Marble Murtis
- गणेश जी
- शिवलिंग
- गणेश-लक्ष्मी जी सेट / गणेश-लक्ष्मी-सरस्वती
- श्रीकृष्ण / राधा-कृष्ण
- माँ दुर्गा
- देवी लक्ष्मी
- देवी सरस्वती
- विष्णु-लक्ष्मी
- वीर हनुमान / पंचमुखी हनुमान
- शिव परिवार / शिव दरबार (शिव जी , देवी पार्वती , गणेश जी और कार्तिकेय जी )
- माँ काली
- राम परिवार / राम दरबार (श्रीराम , सीतादेवी , लक्ष्मण जी एवं वीर हनुमान )
- नंदी
- माँ शारदा
- भगवान गौतम बुद्ध
- भगवान महावीर
- दत्तात्रेय भगवान
- भगवान वेंकटेश्वर
मार्बल मूर्ति बनाने के बिजनेस के लिए आवश्यक मशीनरी | Machinery Required for Marble Murti Business
पारंपरिक उत्पादन प्रक्रिया में मूर्ति बनाने के लिए बड़ी संख्या में कुशल कारीगरों की आवश्यकता रहती हैं जो छीनी-हथौड़ा, एंगल ग्राइन्डर, डाई ग्राइन्डर, मार्बल कटर आदि छोटी-छोटी हाथ में पकड़ने वाली (Portable) मशीनों का इस्तेमाल कर के पहले मूर्ति का रफ (Rough) आकार बनाते हैं और बाद में विभिन्न प्रकार के रेगमाल कागज , वैक्स पोलिश , पैंट (रंग), क्लियर लैकर (Clear Lacquer) आदि का इस्तेमाल कर के हाथों से फिनिशिंग (Finishing) करते हैं ।
यह प्रक्रिया बहुत धीमी और खर्चीली भी होती हैं । प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए ज्यादा लेबर लगानी पड़ती हैं और वो भी कुशल लेबर।
टेक्नॉलॉजी मे हुए विकास की वजह से अब CNC राउटर (CNC Router) मशीनों से इन्ही मूर्तियों को कम समय और खर्च में बनाया जा सकता हैं । इस बिजनेस में उत्पादन (Production/Manufacturing) के लिए निम्नलिखित मशीनरी आवश्यक होगी ।
- 3-एक्सिस CNC राउटर मशीन (3-Axis Router Machine) या
- 4-एक्सिस CNC राउटर मशीन (4-Axis Router Machine) या
- 5 -एक्सिस CNC राउटर मशीन (5-Axis CNC Router Machine)
- CNC टूलिंग (CNC Tooling)
- पोर्टेबल इलेक्ट्रिक टूल्स (Portable Electric Tools)
3-एक्सिस CNC राउटर मशीन (3-Axis CNC Router Machine):
इस मशीन से रीलीफ कार्विंग (Relief Carving) की जाती हैं। रीलीफ कार्विंग में मूर्तियों के सामने वाले हिस्से पर (Front) कार्विंग होती हैं और पिछला हिस्सा (Back) सपाट (Plane) ही रहता हैं।
क्या पिछले हिस्से में कार्विंग नहीं हो सकती?
अवश्य हो सकती हैं। परंतु इसके लिए सामने वाले हिस्से की कार्विंग होने के पश्चात मूर्ति को बेड/टेबल से उतार कर फिर से सटीकता से इस तरह बांधनी होती हैं जिससे पिछला हिस्सा सामने की ओर आ जाएं । दो बार सेटिंग करने के चलते प्रोडक्शन समय बढ़ जाता हैं , सटीकता और प्रतिदिन उत्पादन कम मिलता हैं।
3-एक्सिस CNC राउटर मशीन कार्विंग प्रक्रिया से उन मूर्तियों को बनाना ज्यादा फायदेमंद रहेगा जिनके पार्श्व भाग में कार्विंग की जरूरत न हों। रीलीफ कार्विंग वाली कईं मूर्तियाँ भी बाजार में बिकती हैं।
सारे CNC राउटर मशीनों में 3-एक्सिस CNC राउटर मशीन की कीमत सबसे कम होती हैं।
4-एक्सिस CNC राउटर मशीन (4-Axis Router Machine)
इस मशीन का हेड X, Y , और Z दिशा में तो चलता ही हैं, परंतु बेड/टेबल भी एक दिशा में गोल घूमता हैं। इसके चलते गोलाकार वस्तुएं जैसे की स्तम्भ (Pillars), बस्ट (Bust) जिसमें मूर्ति का माथे से लेकर छाती तक का भाग होता हैं, और माथा/शिष (Head) जिसमे की केवल सिर होता हैं- ऐसी शिल्पकारी की जा सकती हैं ।
भगवान गौतम बुद्ध का मार्बल कार्विंग से बना बस्ट (Bhagwan Buddha Marble Bust)
इस मशीन से रीलीफ कार्विंग तो कर ही सकतें हैं परंतु थोड़ा और ज्यादा अच्छा एवं सटीक 3-डी कार्विंग (3-D Carving) भी सम्भव हो जाता हैं।
भगवान गौतम बुद्ध का मार्बल कार्विंग से बना शिष (Bhagwan Buddha Marble head )
यह मशीन कैसे काम करती हैं यह समझने हेतू यह विडिओ देखें
4-एक्सिस CNC राउटर मशीन कार्विंग प्रक्रिया से उन मूर्तियों को बनाना ज्यादा फायदेमंद रहेगा जिनके पार्श्व भाग में भी कार्विंग की जरूरत हों।
3-एक्सिस की तुलना में 4-एक्सिस CNC राउटर मशीन ज्यादा महंगी होती हैं।
5-एक्सिस CNC राउटर मशीन (5-Axis CNC Router Machine)
यह मशीन टेक्नोलॉजी का एक नायाब नमूना हैं और अपने काम में बेजोड़ हैं। मूर्ति की शिल्पकारी में ऐसा कोई काम नहीं जो यह मशीन नहीं कर सकती।
इस मशीन के बेड पर मार्बल का ठोस टुकड़ा (Marble Block) पर बांध दिया जाता हैं। यह बेड CNC प्रोग्राम (Program) के अनुसार दोनों दिशाओं में गोल-गोल घूमता रहता हैं, जबकि मशीन का हेड उपर-नीचे की ओर चलता हैं। हेड किसी भी कोण (Angle) में जुकता-उठता रहता हैं। इसके चलते हेड पर लगे कटर मूर्ति के किसी भी कोने में पहुँच कर कार्विंग करने में सक्षम रहते हैं। छोटी से छोटी तपसील (detail) भी बनाई जा सकती हैं।
5 -एक्सिस CNC राउटर मशीन सही मायने में 3-डी कार्विंग मशीन हैं। परंतु यह बहुत महंगी होती है और इसे आयात (Import) करना पड़ता हैं। इस एक मशीन से वो सारी कार्विंग हो जाती हैं जो 3-एक्सिस CNC राउटर मशीन और 4-एक्सिस CNC राउटर मशीन दोनों को मिलाकर किए जाते हैं।
CNC टूलिंग (CNC Tooling)
इसके अलावा मार्बल कार्विंग हेतु कुछ टूलिंग (tooling) की आवश्यकता रहेगी जिसमें विभिन्न साइज़ के एन्ड मिलिंग (End Milling cutter) कटर, बॉल नोज़ (Ball nose cutter) कटर, वी-कटर (V-cutter) शामिल हैं।
पोर्टेबल इलेक्ट्रिक टूल्स (Portable Electric Tools)
हाथ में पकड़कर चलाने वाले (Portable Electric Tools) टूल्स जैसे की मार्बल कटर, डाई ग्राइन्डर , एंगल ग्राइन्डर , घिसाई के लिए विभिन्न प्रकार एवं साइज़ के फ़ाइल्स , रेगमाल पेपर आदि की आवश्यकता रहेगी।
मार्बल मूर्ति बनाने की उत्पादन प्रक्रिया | Marble Murti Manufacturing Process
मशीन से मार्बल मूर्ति की उत्पादन प्रक्रिया (Murti Carving) उतनी जटिल नहीं हैं जितनी की पारंपरिक पद्धति से बनाने की हैं । देखते हैं कैसे चरणबद्ध तरीके से यह प्रक्रिया सम्पन्न होती हैं:
- देवी देवताओं की मूर्ति का 3-डी मॉडल (3-D Model) बनाना
- मशीन पर CNC प्रोग्राम लोड करना
- कच्चे माल (मार्बल के ठोस ब्लॉक) की पानी से सफाई करना
- ठोस ब्लॉक को मूर्ति की साइज़ के अनुसार छोटे टुकड़ों में काटना
- जिस ब्लॉक में से मूर्ति बनानी होती हैं उस ब्लॉक को मशीन पर लोड (बाँधा) करना
- हेड पर लगे टूल मैगजीन पर CNC प्रोग्राम के अनुसार विभिन्न प्रकार के टूल्स लोड करना
- सारे सेटिंग वेरीफाई करना
- मशीन शुरू करना
- कार्विंग सम्पन्न होने पर मूर्ति को मशीन से उतारना
- मूर्ति पर छोड़े हुए अतिरिक्त मटीरीअल को काट कर हटाना
- फिनिशिंग टूल्स एवं रेगमाल से फिनिशिंग करना
- वैक्स पॉलिश से चिकना बनाना और चमकाना
- आवश्यक हो वहाँ रंग से पेंटिंग करना
- मूर्ति की पॅकिंग करना
मार्बल मूर्ति बनाने के बिजनेस के लिए स्थान का चयन | Land Requirements for Marble Murti Business
इस बिजनेस के लिए स्थान का चयन बहुत अधिक महत्वपूर्ण नहीं हैं – किसी भी औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Area) में यह किया जा सकता हैं।
जहां तक जगह का सवाल हैं तो यूँ समझ लीजिए की 1200 स्क्वेर फुट से 1500 स्क्वेर फुट जगह पर्याप्त रहेगी।
- लगभग 500 स्क्वेर फुट मशीन शॉप के लिए
- 100 स्क्वेर फुट फिनिशिंग शॉप के लिए
- करीब 200 स्क्वेर फुट ऑफिस के लिए
- 100 स्क्वेर फुट टूल्स एवं अन्य सामग्री के लिए (Stores)
- 300 स्क्वेर फुट कच्चा माल (Raw Materials) रखने के लिए
इस तरह से जगह को विभिन्न हिस्सों में विभाजित करना उच्च उत्पादकता एवं गुणवत्ता बनाए रखने में मददगार साबित होता हैं। रिसर्च में पाया गया हैं की उत्पादन प्रक्रिया के अनुकूल प्लांट लेआउट डिजाइन बनाने से उत्पादन खर्च में 5 से 8 प्रतिशत तक की कमी लाई जा सकती हैं।
मार्बल मूर्ति बनाने के बिजनेस के लिए आवश्यक पंजीकरण | Registrations for Marble Murti Business
इस बिजनेस के लिए निम्न पंजीकरण आवश्यक हैं:
- मनचाहे नाम पर एकल स्वामित्व वाली (Sole Proprietorship) कंपनी/फर्म बनानी होगी। चार्टर्ड अकाउन्टन्ट की सलाह ले सकते हैं।
- उद्योग का जीएसटी रजिस्ट्रेशन (GST Registration) भी चार्टर्ड अकाउन्टन्ट की सलाह ले कर करना होगा।
- उद्यम रजिस्ट्रेशन नंबर (Udyam registration Number) के लिए आवेदन स्वयं कर सकते हैं। पहले यह उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन इस नाम से जाना जाता था। सरकार के एमएसएमई (उद्यम) पोर्टल पर जा कर वहाँ फॉर्म में आवश्यक जानकारी भर कर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।
मार्बल मूर्ति बनाने के बिजनेस के लिए आवश्यक मैनपावर | Manpower for Marble Murti Business
मानव संसाधन किसी भी बिजनेस का सबसे बड़ा बलस्थान होता हैं। परंतु बिजनेस में लाभ अर्जित करने हेतू आवश्यकता से अधिक कर्मचारी एवं श्रमिक नहीं होने चाहिए।
एक कुशल CNC programmer, 1 कुशल श्रमिक मशीन चलाने के लिए, 2 अर्धकुशल श्रमिक फिनिशिंग के लिए और 2 अकुशल श्रमिक हेल्पर का काम करने के लिए लगेंगे।
शुरुआत में जब आप इस उद्योग को स्थापित करने में लगे होंगे तब 3 कर्मचारीओ से काम चल सकता हैं। शुरुआती दिनों में सेल्स एवं मार्केटिंग पर स्वयं ज्यादा ध्यान देना होगा।
जब व्यापार का खर्च निकलने लगें और ठीकठाक मुनाफा मिलने लगें तब व्यापार का विस्तार करने हेतू एक कर्मचारी सेल्स एवं मार्केटिंग में अपने सहायक के रूप में रख लें।
मार्बल मूर्ति बनाने के बिजनेस के लिए कुल पूंजी निवेश | Capital Investment for Marble Murti Business
4-एक्सिस CNC राउटर मशीन से मार्बल मूर्ति बनाने के बिजनेस में कूल पूंजी निवेश 25 से 30 लाख रुपए और प्रॉफ़िट 3 लाख रुपए प्रति माह होगा। इसमें सारी मशीनें, कच्चा माल और पैकेजींग मटीरीअल पर निवेश होने वाली पूंजी शामिल हैं। जगह किराये पर होगी।
मार्बल मूर्ति बनाने के बिजनेस से प्रॉफ़िट | Profit in Marble Murti Business
यदि पेशेवर तरीके से किया जाए तो यह बिजनेस लगभग 30 लाख रुपए के शुरुआती निवेश पर 3 लाख रुपए का प्रॉफ़िट अर्जित कर सकता हैं।
इससे भी अधिक लाभ कमाने की असीम संभावनाएं इस बिजनेस में हैं यदि मार्केट की धड़कन अच्छी तरह से समझ ली जाएं और बिजनेस का अन्य भौगोलिक क्षेत्रों में भी विस्तार किया जाएं ।
मार्बल मूर्ति बनाने के बिजनेस की मैन्युफेकचरिंग रणनीति | Manufacturing Strategy for Marble Murti Business
- देवी देवताओं की मूर्ति डिजाइन और उनके 3-डी मॉडल बनाने के अच्छे स्त्रोतों को खोजें
- CNC program में रचनात्मकता का इस्तेमाल कर के production cycle time घटाने के रास्ते खोजें । कम समय में ज्यादा production होगा। यानि की और अधिक लाभ।
- जो मूर्तियाँ पारंपरिक तरीके से बनाने में ज्यादा समय लगता हैं या अधिक मुश्किल हैं ऐसी मूर्तियाँ बनाने पर जोर दें
- मूर्तियों को सबसे अधिक आकर्षक बनाता हैं उनका मुख (face) और आँखें (eyes), इन्हें सुंदर एवं मार्केट की जरूरत के अनुसार बनाएं।
- अच्छी क्वालिटी का टूलिंग इस्तेमाल करें। इससे production speed बढ़ती हैं और उच्च कोटी की फिनिशिंग मिलती हैं।
- नंबर 1 वाला मकराना मार्बल ही इस्तेमाल करें क्योंकी इसका रंग बहुत अधिक सफेद होता हैं और इसमें crystal भी होतें हैं जो चमकते हैं और मूर्तियों की सुंदरता बढ़ातें हैं।
मार्बल मूर्ति बनाने के बिजनेस की मार्केटिंग रणनीति | Marketing Strategy for Marble Murti Business
किसी भी बिजनेस को सफल बनाने के लिए केवल अच्छी क्वालिटी का उत्पाद बनाना ही पर्याप्त नहीं होता । मार्केटिंग भी अच्छी होनी चाहिए।
सुनने में कुछ अजीब सा लगता हैं पर बिजनेस का मूल उद्देश्य ग्राहक बनाना होना चाहिए नहीं की पैसा कमाना। यदि ग्राहक ही न होगा तो पैसा कहाँ से कमाओगे?
ऐसे में प्रश्न यह उठता हैं की मूर्ति की मार्केटिंग कैसे करें?
- ग्राहकों की पसंद, मूर्तियाँ खरीदने के संबंध में उनकी मानसिकता, वे कारक जो उन्हें मूर्तियाँ खरीदनें के लिए बाध्य करतें हैं, अन्य प्रतिस्पर्धी, ग्राहकों को लुभाने की प्रतिस्पर्धियों द्वारा अपनाई गई युक्तियाँ आदि विषयों से अपने आप को भलीभाँति अवगत करें।
- अपनी सेल का दायरा बढ़ाने हेतु अच्छे रणनीतिक भौगोलिक क्षेत्रों में डिस्ट्रीब्यूटर और रिटेलर नियुक्त करें।
- अपने व्यवसाय का अच्छा सा गूगल बिजनेस प्रोफाइल (Google Business Profile) बनाएं, इससे आपकी ऑनलाइन दृश्यमानता (Visibility) बढ़ेगी।
- अपनी एक सुंदर और ग्राहकलक्षी वेबसाईट बनवाएं जहाँ से ब्रांडिंग की जा सकें।
- सोशल मीडिया पर पेज बनाकर उस पर अपने मूर्तियों की जानकारी नियमित रूप से साझा करतें रहें। इससे भी आपको अपना ब्रांड बनाने में मदद मिलेगी।
मार्बल मूर्ति बनाने के बिजनेस के गुण-दोष | Pros and Cons of Marble Murti Business
गुण | दोष |
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बढ़ती माँग वाला बिजनेस | सतत उत्पादन प्रणाली के अनुकूल नहीं |
विशाल भौगोलिक क्षेत्र में पैंठ बनाना सम्भव | विशेष टेक्निकल कौशल्य की आवश्यकता रहती हैं |
सूक्ष्म, लघु, मध्यम, बड़े सभी स्तर पर किया जा सकता हैं | छोटी जगह में या घर से नहीं किया जा सकता हैं |
कच्चा माल एवं मशीनरी देश में ही प्रचुर मात्रा में उपलब्ध | कच्चे माल की मण्डी से निकटता जरूरी |
श्रमिकों पर निर्भरता कम | मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग पर अधिक खर्च की आवश्यकता |
कम निवेश में अधिक लाभ | मार्बल धूल की वजह से हवा प्रदूषित होती हैं |
उत्पाद में भिन्नता लाने के भरपूर अवसर | टूलिंग एवं 3-डी मॉडल पर खर्च की आवश्यकता |
उद्योग प्रवेश अवरोधकता अधिक हैं | अच्छे CNC programmer की आवश्यकता |
प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
Q: मार्बल मूर्ति बनाने (Murti Carving) का व्यवसाय क्या हैं?
मार्बल मूर्ति बनाने के व्यवसाय में 4-एक्सिस CNC राउटर से मार्बल के ठोस ब्लॉक से विभिन्न मूर्तियाँ बनाई जाती हैं। यह आधुनिक तकनीक हैं। पारंपरिक पद्धति में छीनी, हथौड़ा एवं अन्य औजारों से अतिकुशल कारीगर मूर्तियों की कार्विंग करतें हैं।
Q: क्या मार्बल मूर्ती बनाने का बिजनेस लाभदायक हैं?
30 लाख रुपए के निवेश पर यदि कोई बिजनेस 3 लाख रुपए महीने का लाभ देता हैं तो ऐसे बिजनेस को लाभदायक ही कहेंगे न? मार्बल मूर्ति बनाने का बिजनेस बहुत अधिक लाभदायक हैं।
Q: मार्बल मूर्ति बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए कुल कितना निवेश करना होगा?
इस बीजनेस को 25-30 लाख रुपए में शुरू किया जा सकता हैं।
Q: क्या मार्बल मूर्ति बीजनेस शुरू करने के लिए किसी विशेष डिग्री की आवश्यकता हैं?
इस व्यापार के लिए उद्यमी का ना तो विशेषज्ञ होना जरूरी हैं और ना ही डिग्रीधारक। इसे कोई भी ऐसा व्यक्ति कर सकता हैं जिसे व्यापार करना पसंद हो।
Q: मार्बल मूर्ति की कीमतें क्या होती हैं?
मूर्ति की साइज़, बनावट और सजावट के अनुसार मूर्ति की कीमतें 1000 रुपए से 1 लाख रुपए होती हैं।
Q: मार्बल मूर्तियों की कीमत किन चीजों पर निर्भर करती हैं?
मार्बल मूर्तियों की कीमत मार्बल की गुणवत्ता, कार्विंग की क्वालिटी, नक्काशी, मुख एवं आँखों की सुंदरता, रंगों की सजावट, साइज़ पर निर्भर करती हैं।
Q: मार्बल मूर्ति पेंटिंग में कौनसे रंग इस्तेमाल होतें हैं?
मार्बल मूर्ति के पेंटिंग में एशियन पेंट्स कंपनी के ‘Apcolyte’ ऑईल पेंट्स, ‘Fevicryl’ एक्रिलिक फैब्रिक पेंट्स, मेटालिक एक्रिलिक पेंट्स आदि इस्तेमाल होतें हैं।
Q: मार्बल मूर्ति की लाइफ क्या होती हैं?
चूंकि मार्बल पर पर्यावरण का कोई भी नकारात्मक परिणाम नहीं होता, इसलिए मार्बल की मूर्तियाँ 500 से 1000 साल तक चल सकती हैं ।
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